जलभराव के लिए बनी कमेटी डीएलएफ से तो समन्वय करेगी लेकिन डीएलएफ के वार्ड पार्षद से नहींमहापौर नगर निगम द्वारा जलभराव कारणों का पता लगाने के लिए बनाई गई कमेटी पर उठाया सवाल

नगर निगम महापौर द्वारा शहर में बीते दिनों हुई जलभराव की समस्याओं के कारणों का पता लगाने के लिए बनाई गई कमेटी में निगम पार्षद आरएस राठी को शामिल न किए जाने पर राठी ने एतराज जताते हुए लिखित में आपत्ति दर्ज कराई है। राठी ने कहा कि जारी आदेशों के अनुसार बनी कमेटी डीएलएफ इलाकों में कारण जानने के लिए डीएलएफ बिल्डर से तो समन्वय करेगी लेकिन डीएलएफ इलाके के वार्ड पार्षद तक को शामिल नहीं किया गया।

राठी ने महापौर को दिए आपत्ति पत्र में कहा है कि बीती 28 अगस्त हो हुई नगर निगम की सदन की बैठक में गोल्फकोर्स रोड, सेक्टर-27 एवं 28 में हुए भयंकर जलभराव के मुद्दे को उन्होंने प्रमुखता से उठाया था जिसके बाद निगम आयुक्त ने कमेटी बनाने का आश्वासन दिया था लेकिन विडंबना की बात यह है कि मेयर टीम ने जिस इलाके में सबसे अधिक जलभराव हुआ उसी इलाके के वार्ड पार्षद को कमेटी में तरजीह नहीं दी। राठी का कहना है कि बतौर इंजीनियर होते हुए और पिछले 35 वर्षो से इलाके के निवासी भी है, उन्हें यहां के ड्रेनेज, सीवर सिस्टम की अच्छी जानकारी भी है। वह कमेटी में ड्रेनेज व्यवस्था सुधार में अच्छे सुझाव और जमीनी रिपोर्ट तैयार कर दे सकतें है।

राठी ने मेयर टीम पर आरोप लगाते हुए कहा कि हाल ही में हुई सदन की बैठक में उन्होंने बिना नियमों के बनाई हुई वित्तीय एवं संविदा कमेटी द्वारा करोडों रुपये के एस्टीमेटों को फर्जी तरीके से पास करने के कारनामों को उजागर किया था। अब जो कमेटी बनाई है उसमें अधिक्तर पार्षद पुराने गुरुग्राम से है और जबकि अधिक परेशानी नए गुरुग्राम के गोल्फकोर्स रोड से सटे इलाकों में हुई थी। मेयर टीम नगर निगम को नरक निगम बनाने पर तुली हुई है।

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