गुरूग्राम, 03 सितंबर। आगामी 7 सितंबर से शुरू होने वाले मैट्रो संचालन को लेकर उपायुक्त अमित खत्री ने आज दिल्ली मैट्रो रेल काॅर्पोरेशन (डीएमआरसी) तथा संबंधित अधिकारियों के साथ अपने कार्यालय में बैठक की। उन्होंने मैट्रो  संचालन से संबंधित तैयारियों की जानकारी लेते हुए गुरूग्राम जिला प्रशासन की ओर से मदद की पेशकश की और पूछा कि प्रशासन डीएमआरसी का क्या सहयोग कर सकता है जिससे मैट्रो संचालन शुरू होने के बाद कोरोना संक्रमण ना फैले और यात्रियों को भी असुविधा ना हो।

  उपायुक्त ने कहा कि गुरूग्राम जिला में डीएमआरसी के 5 स्टेशन पड़ते हैं, उन पर प्रत्येक पर एक सुपरवाईजरी अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो डीएमआरसी के स्थानीय अधिकारियों के साथ संपर्क में रहेगा और मैट्रो रेल संचालन को सुचारू करने में मदद करेगा। इनके अलावा, एक ओवर आॅल नोडल अधिकारी भी लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यात्रियों की भीड़ एक स्थान पर एकत्रित ना हो, इसलिए भीड़ को अलग-अलग स्तर पर विभाजित करने की योजना डीएमआरसी बनाए। मैट्रो स्टेशन पर यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग के लिए पर्याप्त संख्या में टीमे लगाई जाएं। मैट्रो स्टेशन के बाहर व्यवस्था बनाने के लिए नगर निगम के सहयोग से के्रन लगाई जाएंगी।

बैठक में आॅटो युनियन के प्रतिनिधि महावीर सिंह ने बताया कि स्टेशन से बाहर आॅटो रिक्शा तथा ई-रिक्शा को व्यवस्थित ढंग से खड़ा किया जाएगा। इस कार्य में आॅटो युनियन की टीम स्वयं अपना सहयोग देगी और यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मैट्रो मे जाने वाले यात्रियों को छोड़ने के लिए आॅटो का अलग स्टैंड होगा तथा जो यात्री मैट्रो से आएंगे उन्हें उनके गणतव्य स्थान पर पहुंचाने के लिए आॅटो स्टैंड अलग होगा। 

बैठक में उपस्थित गुरूग्राम के सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र यादव ने कहा कि गुरूग्राम जिला मंे पड़ने वाले पांचो मैट्रो स्टेशनों के नजदीक स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य केंद्रांे तथा कोविड अस्पतालों की सूची डीएमआरसी के प्रतिनिधि को उपलब्ध करवा दी जाएगी ताकि किसी भी यात्री में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई पड़े तो उसे वहां भेजा जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि मैट्रो स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ एक स्थान पर जमा ना हो, इसके प्रबंध किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोशिश करें की यात्रियों को स्टेशन पर ज्यादा देर खड़ा ना रहना पड़े। 

डीएमआरसी के सहायक प्रबंधक रिषभ सिंह ने अपनी तैयारियों के बारे में अवगत करवाते हुए बताया कि मैट्रो संचालन के समय सभी यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी और सुरक्षा की दृष्टि के ठीक पाए जाने पर ही व्यक्ति को मैट्रो परिसर में आने की अनुमति होगी। जिन यात्रियों में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देंगे उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या कोविड अस्पताल में भेज दिया जाएगा। यही नहीं, यात्रियों को अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु एैप डाउनलोड करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मैट्रो स्टेशन में प्रवेश तथा निकासी के अलग-अलग एक-एक द्वार होंगे ताकि आने और जाने वाले यात्रियों का आपस में टकराव ना हो। उन्होंने यह भी बताया कि मैट्रो स्टेशन पर यात्रियांे के लिए एक-एक मीटर की दूरी पर स्ट्रिप लगी होंगी तथा प्लेटफार्म पर सेल्फ एक्सप्लेनेट्री साईनेज होगे जिससे यात्रियों को खुद ही पता चलेगा कि उन्हें क्या करना है। उन्होंने बताया कि मैट्रो रेल के अंदर एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था होगी तथा कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में अनाउंसमेंट भी होती रहेगी।

टिकट के लिए डिजिटल ट्रांजेक्शन होगा। मैट्रो रेल में यात्रियों को जागरूक करने पर जोर रहेगा ताकि वे अपनी यात्रा सुरक्षित ढंग से पूरी कर पाएं। रेल जब आखिरी स्टेशन पर खाली हो जाएगी तो उसकी सैनेटाईजेशन करवाकर जीवाणु मुक्त किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि प्लेटफार्म पर यात्रियांे के सामान को भी सैनेटाईज किया जाएगा और इसके लिए सैनेटाईजेशन प्वायंट बने होंगे। 

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पवार, सहायक पुलिस आयुक्त टैªफिक रमेश कुमार, सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र यादव, नगर निगम के सिविल सर्जन डा. आशिश सिंगला, डीएमआरसी के सहायक प्रबंधक रिषभ सिंह, आॅटो युनियन के प्रतिनिधि महावीर सिंह भी उपस्थित थे।