मनमाने कामों को लेकर हेलीमंडी पालिका अधिक चर्चा में.
जन स्वास्थ्य विभाग पटौदी ने जताया गया कड़ा ऐतराज.
पटौदी-हेलीमंडी पालिका से पूछा क्यों बंद की गई नालियां.
सीवरेज और सीवरेज लाइन केवल ह्यूमन वेस्टेज के लिए हीं

फतह सिंह उजाला

पटौदी  ।     हरियाणा में एक सरकार चंडीगढ़ में काम कर रही है । वही देहात और पालिका क्षेत्रों की सरकार अथवा पंचायत और पालिकाओं को, देहात और शहर की छोटी सरकार के रूप में एक नई पहचान देकर इसी नाम से पुकारा जाने लगा है । बहुत बड़ा सवाल है, क्या हरियाणा के अंदर सड़क निर्माण और सड़क निर्माण के साथ ड्रेनेज व्यवस्था के कानून गांव में और पालिका क्षेत्र में अलग-अलग हैं । सूत्रों के मुताबिक इस प्रकार की कोई भी गाइडलाइन नहीं है और ना ही सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार के आदेश जारी किए गए हैं की गांव हो या फिर पालिका क्षेत्र, विकास के लिए और आम लोगों की सुविधा के लिए गलियों के रास्ते बनाए जाते समय नालियों को बंद कर दिया जाए।

इन्हीं मुद्दों को लेकर इन दिनों सबसे अधिक घमासान नगर पालिका हेली मंडी में मचा हुआ है । गलियां बनाते हुए नालियों को अपनी मनमर्जी से बंद करने के मामले को जन स्वास्थ्य विभाग पटौदी के द्वारा बेहद गंभीरता से लिया गया है । नगर पालिका क्षेत्र में सड़क अथवा गलियां और रास्ते बनाने के दौरान बरसाती पानी की निकासी के लिए वर्षों पुरानी नालियों को बंद किया जाने पर कड़ा एतराज जाहिर किया गया है। सवाल यह है क्या चंडीगढ़ के अलावा पटौदी और हेलीमंडी नगरपालिका कार्यालय भी चंडीगढ़ के समानांतर ही कथित रूप से सरकार चलाकर अपने ही मनमर्जी के फरमान मौखिक रूप से जारी करके आम जनता के लिए तो परेशानी पैदा कर ही रहे हैं । वहीं सरकार के साथ-साथ कोर्ट की गाइडलाइन की भी अनदेखी करके कथित रूप से कोर्ट की अवमानना का भी मामला पालिका प्रशासन की मनमानी में साफ-साफ झलक रहा है ।

जन स्वास्थ्य विभाग का पत्र
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग पटौदी के उपमंडल अभियंता के द्वारा दोनों ही नगरपालिका के सचिव को पत्र लिखा गया है । इस पत्र में साफ-साफ लिखा गया है कि सड़क और गलियां बनाने के दौरान बरसाती पानी निकासी के लिए नालियों का निर्माण नहीं किया जा रहा है । जिसके कारण बरसाती पानी सीधा सीवरेज के अंदर आता है।

 उपमंडल अभियंता का साफ-साफ कहना है कि सीवरेज और सीवरेज लाइनें केवल ह्यूमन वेस्टेज हेतु ही लगाई गई हैं । यह बरसाती पानी निकासी के लिए नहीं है । ऐसे में बरसाती पानी गलियों में भरने से आम जनमानस तो परेशान हो ही रहा है, वही बरसाती पानी निचले इलाकों के निवासियों के मकानों में भरने से होने वाले नुकसान के लिए पीड़ितों के द्वारा मुआवजे के मुकदमे जन स्वास्थ्य विभाग को झेलने पड़ रहे हैं । जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने अपने पत्र में दो टूक पटौदी और हेली मंडी नगर पालिका प्रशासन को कहा है कि पालिका क्षेत्र की सभी गलियों में बरसाती पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण करवाया जाए । इसके साथ ही जन स्वास्थ्य विभाग की सीवरेज लाइन भी बंद न होकर सुचारू रूप से चलती रहे , इसी पत्र की एक कॉपी पटौदी के एसडीएम को भी भेजी गई है कि दोनों बालिकाओं के सचिव को सख्त आदेश दिए जाएं कि बरसाती पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण करवाया जाए।

हम तो बंद करेंगे नालियां
हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में जहां-जहां भी गलियों और रास्तों का निर्माण करवाया गया है, उन सभी स्थानों पर दशकों पुरानी गलियों और रास्तों के दोनों तरफ बनी हुई नालियों को मौखिक रूप से जबरन बंद करवा दिया गया है । हाल ही में लोगों के द्वारा इसी मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया, तो पालिका चेयरमैन सुरेश यादव ने दो टूक कहा कि हम जहां भी गलियां और रास्ते बन रहे हैं वहां नालियां बंद कर रहे हैं और करवा देंगे। अब सवाल यह उठता है कि चंडीगढ़ की सरकार बड़ी है या फिर हेली मंडी पालिका कार्यालय में चंडीगढ़ की सरकार के समानांतर अलग सरकार चल रही है । जबकि तकनीकी और विभागीय जवाबदेही पालिका सचिव की बनती है। पालिका सचिव इस पूरे मामले में खामोशी बनाए हुए हैं । नालिया किस कोर्ट, किस मंत्री या फिर हरियाणा सरकार के इस आदेश के तहत बंद की जा रही हैं। इस बात की बार-बार जानकारी मांगने पर भी जानकारी नहीं दी जाती है। अब सवाल यह है कि हेलीमंडी पालिका कार्यालय में चल रही सरकार अधिक शक्तिशाली है या फिर चंडीगढ़ की सरकार के कानून पालिका के ऊपर लागू होते हैं।

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