स्मार्ट गांव की नींव रखी और सपनों को किया साकार. शिक्षा के साथ युवा स्किल डेवलपमेंट पर किया काम फतह सिंह उजालापटौदी । पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जिन्हें की प्रणव दादा या फिर प्रणब दा के नाम से भी लोग बुलाते रहे, भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन को विभिन्न राजनेताओं और प्रबुद्ध नागरिकों के द्वारा राष्ट्र और समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताया गया है । पटौदी के विधायक एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन को राजनीति और समाज हित के कार्यों की मिशाल बताया है । जरावता ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बेशक कांग्रेस पार्टी के नेता के रूप में पहचान रखते हो, लेकिन जब कोई भी नेता राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च पद पर देश की सेवा करें दो उसके बाद किसी पार्टी विशेष का कहां जाना उचित नहीं । विधायक एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते कहा कि सही मायने में पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्ति के बाद उनके द्वारा समाज हित में किया गया योगदान अतुलनीय है और हमेशा प्रेरणादाई रहेगा। सत्य प्रकाश जरावता ने कहा पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के द्वारा स्थापित प्रणव मुखर्जी फाउंडेशन जोकि विश्व विख्यात उद्योगपति रतन टाटा के साथ मिलकर बनाया गया था । उनके फाउंडेशन के द्वारा मेवात और गुरूग्राम के विभिन्न गांवों में जो काम किए गए वह ग्रामीण सुधार ग्रामीण शिक्षा और ग्रामीण युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए मील का पत्थर साबित होंगे । पटौदी इलाके के विभिन्न गांवों को भी पूर्व राष्ट्रपति के फाउंडेशन के द्वारा गोद लेकर अनेक काम किए गए । इसी प्रकार के काम सबसे पिछड़े कहलाए जाने वाले मेवात जिला में भी विभिन्न गांवों में किए गए जो कि काम अनवरत जारी है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला के राजनीतिक सचिव महेश चैहान ने पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी के निधन को राजनीति का एक अध्याय बंद होने के रूप में बताया है । उन्होंने कहा डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला भी पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की राजनीतिक और सामाजिक सोच के साथ उनकी कार्यशैली से बेहद प्रभावित रहे हैं । प्रणब मुखर्जी का निधन वास्तव में देश हित में देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। कांग्रेसी नेता एआईसीसी के सदस्य हैं सुधीर चैधरी ने कहा की पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी जाने-माने अर्थशास्त्री रहे हैं । उन्होंने सरकार में विभिन्न पदों पर रहते हुए देश के साथ-साथ विभिन्न वर्गों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं बनाई और लागू की उनका निधन वास्तव में एक ऐसी क्षति है जिसकी भरपाई संभव नहीं । पंचायत समिति के पूर्व चेयरमैन एवं जिला पार्षद दीपचंद ने भी भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन को बहुत बड़ी क्षति ठहराया है । उन्होंने कहा की केंद्र में मंत्री रहते हुए और राष्ट्रपति के पद पर देश की सेवाएं किया जाने के बाद प्रणव मुखर्जी जैसे बेदाग छवि के प्रेरणादाई व्यक्तित्व से राष्ट्र और समाज को उनके द्वारा किए गए कार्यों की हमेशा प्रेरणा मिलती रहेगी । पटौदी पंचायत समिति के चेयरमैन राकेश यादव ने भी भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन को देश के मौजूदा हालात को देखते हुए एक राजनीति में आई शून्यता बताया है। उनके मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का जीवन और उनकी राजनीतिक कार्यशैली और कार्यप्रणाली सही मायने में राजनीति और समाज सेवा के लिए एक पाठशाला है । Post navigation … तीन सरकारी विभागों के बॉस – एक खड्डा, तीनों ही बेबस ! कौन ज्यादा समझदार… देहात की चुनी सरकार या शहरी पालिका की सरकार !