मामला हेलीमंडी आरओबी के नीचे मुख्य प्रवेश मार्ग का. आम जन के लिए परेशानी और अधिकारियों के लिए चुनौती. 15 दिनों से नहीं भरा जा रहा है यह खतरनाक खड्डा फतह सिंह उजाला पटौदी । सरकार और सरकार के अधीन कार्य करने वाले विभिन्न विभाग और इन विभागों के प्रमुख इन सभी के लिए एक खड्डा बीते एक पखवाड़े से अधिक समय से चुनौती बना हुआ है ! यह मामला इतना पेचीदा हो गया, कि तीनों विभागों में से कोई भी विभाग का बॉस इस खड्डे को भरने की अथवा भरवाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है । हालत यह है कि यह खड्डा आम जनमानस के लिए जहां परेशानी बना है, अब वही संबंधित तीनों विभाग के प्रमुख के लिए चुनौती भी बन गया है । आम लोग भी अब सवाल करने लगे हैं की सरकार और विभागों के अधिकारी इतने बेबस कैसे हो गए । किसके दबाव में हो गए कि यही फैसला नहीं हो पा रहा है कि आखिर खड्डे को किस प्रकार और कौन भरेगा, किस विभाग की जिम्मेदारी है, या फिर संबंधित विभागों के अधिकारी किसी बड़े हादसे के इंतजार में हैं । जिससे लोगों का गुस्सा भड़क जाए और उसके बाद ही संबंधित विभाग पर विभाग हरकत में आएगा। मामला हेली मंडी इलाके के आरओबी के नीचे मुख्य बाजार में प्रवेश मार्ग का है । हेली मंडी अनाज मंडी में प्रवेश करने का यह एकमात्र सबसे व्यस्त और महत्वपूर्ण रास्ता है । इसी रास्ते पर ही कथित रूप से हेली मंडी पालिका प्रशासन के द्वारा अवैध सीवरेज पाइप डालने का विवाद इतना बढ़ गया कि जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग को इस मामले में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की शिकायत देना पड़ा और उससे भी अधिक हैरानी यह है कि हेली मंडी पुलिस के मुताबिक संबंधित मामले की शिकायत पुलिस चैकी में पहुंची ही नहीं है । बहरहाल जिस स्थान पर यह खतरनाक खड्डा बना है, उस खड्डे को ढकने के लिए कहीं से एक हरा भरा पेड़ का मोटा टहना भी तोड़ कर यहां डाल दिया गया। अब सवाल यह है कि उस हरे भरे पेड़ का क्या कसूर था, कि उसका टेहना तोड़ कर यहां डालना पड़ गया । इस हरे भरे पेड़ को तोड़ा तो किसके कहने पर और किसने तोड़ा, अब यह भी एक अलग से जांच का विषय बन सकता है । कि आखिर पेड़ और हरियाली का दुश्मन कौन बना है । कुछ दिन पहले ही इस खड्डे को पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा जेसीबी एचआर 01 एक्यू 2592 के द्वारा मिट्टी से भरकर संमतल करवा दिया गया था । लेकिन कथित रूप से हेली मंडी पालिका प्रशासन के द्वारा इसी स्थान पर सीवरेज पाइप लाइन डालने के लिए खुदाई करके फिर से छोड़ दिया गया और यह मामला आम जनमानस के लिए जी का जंजाल बना हुआ है । अब सीधे बात करते हैं तीनों विभागों के बीच प्रतिष्ठा कहे या डर, कि इस खड्डे को भरने का साहस क्यों नहीं जुटा पा रहे हैं । हेली मंडी आरोबी और इसके साथ बने सर्विस रोड को देखें तो यह मामला पीडब्ल्यूडी विभाग के दायरे में शामिल दिखाई देता है। इसी सर्विस रोड को ही तोड़ कर कुछ समय पहले जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा हेली मंडी में एसटीपी के लिए सीवरेज मेन पाइप लाइन डाले गए और सीवर के बड़े हॉल भी बनाए गए । वही नगर पालिका प्रशासन द्वारा इसी स्थान पर बनवाए गए 45 लाख के सीसी रोड को देखें तो यहां पर सीवरेज का पाइप लाइन जो डाला जा रहा है । वह कथित रूप से हेली मंडी पालिका प्रशासन के द्वारा डलवाया जा रहा है , तो दखल हेली मंडी पालिका सचिव का भी दिखाई दे रहा है। तीनों विभागों के अधिकारियों को संबंधित खतरनाक जानलेवा और हादसों को खुला न्यौता दे रहे इस खड्डे के बारे में भी अवगत कराया जा चुका है । लेकिन तीनों ही विभाग सीधा जवाब देने से बचते आ रहे हैं । आखिर ऐसा किसका राजनीतिक अथवा प्रशासनिक दबाव है कि कोई भी विभाग का अधिकारी यह जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं कि खड्डा उनके कार्यक्षेत्र के दायरे में आता है और इसको भरवा दिया जाए । इस खड्डे को भरा जाना भी आसान काम दिखाई नहीं दे रहा, क्योंकि पालिका प्रशासन के द्वारा कथित रूप से यहां अवैध रूप से मेन सीवर होल को तोड़कर जबरन सीवरेज का पाइप जोड़ने का जुगाड़ लगाया जा रहा है और इधर जन स्वास्थ्य विभाग इस बात पर आमादा है कि बिना उनकी अनुमति के यह कार्य गैरकानूनी है अब सवाल यह बनता है कि, कब किस प्रकार इस जानलेवा और खतरनाक खड्डे को भरकर आम जनमानस को राहत पहुंचाई जा सकेगी। खड्डा नहीं भरा जाने से सरकार और भाजपा संगठन की छवि पर भी प्रतिकूल प्रभाव अब दिखाई देने लगा है। Post navigation रमेश गर्ग तीसरी बार हेलीमंडी व्यापार मंडल के बने अध्यक्ष भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब दा का निधन अपूरणीय क्षति