1 सितम्बर 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही की विकास दर माईनस 23.़9 प्रतिशत गिरने पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि यह आने वाले दिनों के देश में गंभीर आर्थिक संकट की ओर संकेत करती है।

 विद्रोही ने कहा कि देश के प्रजातांत्रिक इतिहास में 24 प्रतिशत जीडीपी की गिरावट ऐतिहासिक गिरावट है। कोरोना संकट व लोकडाऊन के चलते यह पहले ही आशंका थी कि विकास दर में भारी गिरावट आना तय है। कृषि, वन व फिशरी सैक्टर को छोडक़र सभी सैक्टरों में विकास दर में भारी गिरावट आई है। कटु सत्य यह है कि कोरोना संकट का लोकाडाऊन से बहुत पहले ही जीडीपी दर में विगत पांच सालों से लगातार गिरावट आ रही है।

 विद्रोही ने कहा कि नोटबंदी, गलत जीएसटी व लोकडाऊन ने भारत की अर्थव्यवस्था को रसातल में मिला दिया है। मोदीजी के नवम्बर 2016 के नोटबंदी के तुगलकी फैसले से अर्थव्यवस्था में जो गिरावट शुरू हुई थी, यह लोकडाऊन में ऐतिहासिक स्तर तक गिर गई। संघ व सरकार समर्थक अर्थशास्त्रीयों को छोडक़र देश के लगभग अर्थशास्त्रियों की राय है कि वास्तव में जीडीपी गिरावट 35 से 40 प्रतिशत है जिसे सरकार आंकडों में हेराफेरी करके छुपा रही है।

विद्रोही ने कहा कि 24 प्रतिशत जीडीपी गिरावट बता रही है कि आने वाला समय आमजनों के लिए भारी आर्थिक संकट से भरा होगा। 

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