चंडीगढ़, 31 अगस्त- हरियाणा के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के वैज्ञानिकों द्वारा वर्ष 2009 में अविष्कार की गई फल-छेदक मशीन को अब भारत सरकार से पेटेंट मिल गया है। विश्वविद्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस मशीन का अविष्कार महाविद्यालय के प्रसंस्करण एवं खाद्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर मुकेश गर्ग व छात्र दिनेश मलिक की अगुवाई में किया गया था। उन्होंने बताया कि इस मशीन के लिए वर्ष 2009 में पेटेंट के लिए आवेदन किया था, जिसके लिए अब भारत सरकार की ओर से इसका प्रमाण-पत्र मिल गया है। प्रवक्ता के अनुसार पहले सारा काम हाथों से होता था, जिसमें प्रत्येक फल को सुइयों द्वारा छेद किया जाता था, जिसमें अधिक समय लगता था और मजदूरों की संख्या ज्यादा होने के कारण शुद्घता भी नहीं होती थी। काम करते समय मजदूरों के हाथों में सूई भी चुभ जाती थी। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा अविष्कार की गई जिस मशीन का पेटेंट मिला है उसकी प्रतिघंटा 80 किलोग्राम तक फलों में छेद करने की क्षमता है। इस मशीन को बीस साल की अवधि के लिए पेटेंट मिला है। Post navigation बर्खास्त पीटीआई की सेवाएं बहाल करने की मांग को लेकर अन्दोलन तेज का ऐलान एक महान शख़्सियत हमारे बीच से अपनी अमिट छाप छोड़ कर विदा हुई : धनखड़