चंडीगढ़,31 अगस्त।शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति ने 23 अगस्त को हुई पीटीआई की परीक्षा रद्द कराने और बर्खास्त पीटीआई की सेवाएं बहाल करने की मांग को लेकर चल रहे प्रदेशव्यापी को तेज करने का ऐलान किया है। यह जानकारी देते हुए संघर्ष समिति के संयोजक धर्मेंद्र पहलवान व विनिता यादव ने बताया कि दादरी से विधायक सोमबीर सांगवान ने 18 जुलाई को जींद में आयोजित जन पंचायत में मंच से वादा किया था कि अगर मैं 1983 बर्खास्त पीटीआई को बहाल नही करा सका तो सरकार से समर्थन वापस लेकर पीटीआई के बीच आ जाऊंगा। लेकिन विधायक बहाली करवाने में असफल रहे हैं, इसलिए उनकी वादाखिलाफी के खिलाफ और उनके सरकार से समर्थन वापसी की मांग को लेकर 2 सितंबर को सोमवीर सांगवान के दादरी आवास पर प्रदर्शन किया जाएगा।

चयन आयोग कार्यालय पर 3 सितंबर को होगा प्रर्दशन

समिति के संयोजक धर्मेंद्र पहलवान ने आरोप लगाया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की मिलीभगत से 23 अगस्त को नई भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा का पेपर लीक हो चुका है। हिसार के स्कूल से मंदीप नाम का व्यक्ति पेपर की आंसर-की सहित गिरफ्तार किया गया है। पुलिस व मीडिया के मुताबिक 8-8 लाख में आंसर – की देने का सौदा हुआ था। पेपर लीक हुए बिना आंसर-की तैयार नही हो सकती। उन्होंने बताया की मामले की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने और परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर 3 अगस्त को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पंचकूला कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा।

8 सितंबर को सीएम सिटी करनाल में होगा परिवारों सहित प्रर्दशन

समिति की संयोजिका विनीता यादव ने कहा कि गुरूग्राम में  मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार इस हक में बिल्कुल नही है कि किसी को नौकरी जाए। लेकिन 1983 निर्दोष पीटीआई को नौकरी से निकाल दिया। दो महीने से ’यादा समय से आंदोलन चल रहा है लेकिन मुख्यमंत्री ने अभी तक इसका कोई संज्ञान नही लिया है। कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 23 अगस्त की परीक्षा का पेपर लीक होने के बावजूद सरकार ने चुप्पी साध रखी है। उन्होंने बताया कि 8 सितम्बर को करनाल में शांतिपूर्ण तरीके से प्रर्दशन किया जाएगा। जिसमें बर्खास्त पीटीआई के परिवार भी शामिल होंगे।

11 सितंबर से प्रदेश के चारों कोनों से चलेंगे जत्थे

आंदोलन के निर्णयानुसार 11 सितंबर से होडल, नांगल चौधरी, डबावली व कालका से चार जत्थे एक साथ चलेंगे। यह जत्थे गांवों, कस्बों व शहरों में सभाए करते हुए 23 सितंबर शहीदी दिवस पर गोहाना में इन जत्थों का समापन किया जाएगा। यह जत्थे सरकार की जनविरोधी, कर्मचारी एवं मजदूर विरोधी नीतियों को पोल खोलने और अपनी नौकरी बहाली के लिए सरकार पर दबाव बनाने की गुहार आम जनता से की जाएगी।

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