पार्षद से आपत्ति लिए बिना नगर निगम अधिकारियों ने लगवा दिया टावर

नगर निगम के अधिकारियों ने सरस्वती विहार कालोनी के अशोक वाटिका पार्क में मोबाइल टावर लगाने की स्वीकृति दे दी। इस संबंध में पार्षद तक से सहमति लेना उचित नहीं समझा गया। अनुमति देने के बाद भी टावर कंपनी ने झूठ बोलकर मोबाइल टावर खड़ा कर दिया।

वार्ड-34 के पार्षद आरएस राठी ने जानकरी देते हुए बताया कि नगर निगम के अधिकारियों ने सरस्वती विहार कालोनी के अशोक वाटिका पार्क में मोबाइल टावर लगाने की स्वीकृति दे दी। अधिकारियों ने रिहायशी इलाके के बिना निरीक्षण करे पार्क में टावर खड़ा करवा दिया जिसके आस-पास 150 से अधिक परिवार रहते है। अब स्थानीय लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर विशेष चिंतित है। राठी का कहना है कि उनकी तरफ से दो बार आयुक्त को पत्र लिखकर टावर हटाने की मांग की चुकी है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहीं नहीं स्थानीय निवासियों की तरफ से 100 से अधिक लोगों ने शिकायत पत्र पर हस्ताक्षर कर आयुक्त को भेजा है पर विभागीय अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। हैरानी की बात यह है कि टावर खड़ा करते समय कंपनी के कर्मचारियों ने लोगों को भ्रम में रखा और हाई-मास्क लाइट एवं वाइफाई के बहाने मोबाइल टावर खड़ा कर दिया।

निवासी समय सिंह, केसी दुल्हारिया, पीसी पांडेय, एके सिंह, नरेन्द्र कुमार, जीसी गुप्ता इत्यादि निवासियों का कहना है कि जल्द ही टावर नहीं हटाया गया तो लोगों को नगर निगम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। मोबाइल टावर सेे निकलने वाली रेडियेशन से कैंसर, अल्जेमर जैसी खतरनाक बीमारियों के होने का डर रहता है। यह टावर तुरन्त प्रभाव से हटाया जाना चाहिए।

नगर निगम अधिकारियों की सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि निवासियों के स्वास्थ्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो लेकिन कंपनी को बिना पार्षद की सहमति के टावर की अनुमति दी गई। कंपनी वालों ने वाईफाई-हाईमास्क लाइट का बहाना लगाकर टावर खड़ा कर दिया।
आरएस राठी, निगम पार्षद

निगम के अतिरिक्त आयुक्त ने स्वीकृति दी थी जिसके बाद निगम के नियमों के अनुसार टावर लगाने की अनुमति दी गई।
संजीव मान, एसटीपी, नगर निगम

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