– प्रदेश में सबसे ज्यादा रिकवरी रेट के साथ गुरुग्राम में स्वस्थ हो रहे है कोरोना के मरीज,  जिला में 92 प्रतिशत रिकवरी रेट दर्ज ।  

गुरुग्राम ,18 अगस्त । उपायुक्त अमित खत्री ने आज उन जिलावासियों जिनके शरीर में कोरोना की एंटीबाॅडिज विकसित हो चुकी है उनसे आग्रह किया है कि वे कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाने को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आएं। जिला गुरूग्राम में रोटरी ब्लड बैंक के सहयोग से अब प्लाज्मा बैंक शुरू किया गया है। अब तक इसमें प्लाज्मा डोनेट करने के लिए 42 व्यक्ति आगे आए थे, जिनमें से 19 व्यक्तियों से प्लाज्मा डोनेट करवाया गया। इनसे 38 यूनिट प्लाज्मा तैयार हुआ जिसमें से 34 यूनिट प्लाज्मा जरूरतमंदों को दिया जा चुका है। 

उपायुक्त अमित खत्री आज स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद् हाॅल परिसर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ इस मौके पर सिविल सर्जन डा. विरेन्द्र यादव भी उपस्थित थे।

श्री खत्री ने कहा कि रोटरी ब्लड बैंक में प्लाज्मा डोनेट करने वालो की संख्या बेहद कम है । उन्होंने मीडिया के माध्यम से जिला वासियों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना से स्वस्थ हो चुके हर व्यक्ति को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आना चाहिए जिससे वह अन्य कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचाने में सहायक हो सकता है और किसी की भी जान बचाना पुण्य का कार्य है। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा डोनेशन से किसी को घबराने की जरूरत नहीं है यह बेहद आसान तरीका है और एक साधारण रक्तदान की तरह ही प्लाज्मा दिया जाता है।

उपायुक्त अमित खत्री ने कहा कि बीपीएल परिवार और अन्य जरूरतमंद गरीब परिवारों को कोरोना के इलाज के लिए निशुल्क प्लाज्मा दिया जाएगा। प्लाजमा के लिए 8500 रुपए का रेट निर्धारित किया गया है, लेकिन किसी बीपीएल परिवार या अन्य जरूरतमंद परिवार जिन्हें प्लाज्मा की जरूरत है और वह 8500 रुपए की राशि प्लाज्मा खरीदने के लिए जुटा नहीं सकते, उनको इलाज के लिए प्लाज्मा बैंक से प्लाज्मा निःशुल्क दिया जाएगा।  

कोरोना मरीजों के रिकवरी रेट के बारे में बताते हुए श्री खत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने का रिकवरी रेट बढ़कर अब 92 प्रतिशत तक पहुंच गया है जोकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सर्वाधिक है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीम , पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी व  जिला वासियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के निर्देशों का सही तरीके से पालन करने से अब कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। सामाजिक दूरी की पालना करना , मास्क पहनना और अन्य एहतियात बरतने से पूरे जिला में स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का यही लक्ष्य है कि जिला से कोरोना को जल्द से जल्द खत्म किया जाए। कंटेनमेंट जोन के नियमों में किए गए बदलावों के बारे में जानकारी देते हुए श्री खत्री ने बताया कि पहले कंटेनमेंट जोन को डी-नोटिफाई होने के लिए 28 दिन की अवधि को पूरा करना होता था लेकिन अब 14 दिन की अवधि पूरी होने पर उस क्षेत्र को डी-नोटिफाई किया जा रहा है। इसी वजह से जिला में कंटेनमेंट जोन की संख्या कम हुई है। श्री खत्री ने बताया कि जिला में अब कोरोना के एक्टिव केसों की संख्या 700 के आसपास है जिनमें से 600 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। इसका तात्पर्य यह है कि एक्टिव मरीजों में भी बिमारी के लक्षण कम दिखाई दे रहे हैं और वे एसिंप्टोमैटिक हैं। उन्होंने बताया कि आयुष विभाग द्वारा कंटेनमेंट जोन तथा कोरोना से ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में आयुर्वेदिक औषधियों की किट वितरित करके सराहनीय कार्य किया गया है। इससे भी कोरोना नियंत्रण में मदद मिली है। 

error: Content is protected !!