भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

आज भाजपा के छह कार्यालयों का वर्चुअल रैली के माध्यम से उद्घाटन हुआ, जिसमें मुख्य मंच हिसार में बनाया गया। इसके अतिरिक्त भी चंडीगढ़, दिल्ली व अन्य कार्यालयों के उद्घाटन स्थल पर भी मंच बनाए गए। भाजपा कार्यकर्ताओं में चर्चा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल को मुख्य मंच पर होना चाहिए था। न जाने, क्या मजबूरी थी या कोई नीति थी कि वह चंडीगढ़ से इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

नए अध्यक्ष बनने के पश्चात भाजपा भी कुछ बदली-बदली नजर आ रही है। पहले जिस प्रकार बरोदा उपचुनाव पर उन्होंने कहा कि हमारे लिए तो अवसर है, चैलेंज तो पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा को है। इसी प्रकार आज देखें तो भाजपा जब भी कोई कार्यक्रम करती है तो बहुत तडक़-भडक़ के साथ करती है, लंबा-चौड़ा प्रचार होता है। सब भाजपाइयों को कार्यक्रम से जोड़ा जाता है, जिससे सारे माहौल में उस कार्यक्रम का नाम हो जाता है।

वर्तमान में आज जो कार्यक्रम हुआ, उसकी सूचना भी प्रेस के माध्यम से जिस प्रकार भाजपा द्वारा पहुंचाई जाती थी, नहीं पहुंचाई गई। और इस कड़ी में आगे देखें तो वर्चुअल रैली में यह अपने सारे प्रदेश के जिला अध्यक्षों व मंडल अध्यक्षों को निर्देश दिए होते हैं कि वे अपने कार्यालयों पर स्क्रीन लगाकर कार्यकर्ताओं को दिखाएं। परंतु इस कार्यक्रम में ऐसा कुछ दिखाई दिया नहीं।

इन बातों से कार्यकर्ता यह सोचने लगे हैं कि अब प्रदेश अध्यक्ष अपनी बुद्धि चातुर्य से काम लेकर किसी नई नीति से भाजपा को संगठित करेंगे और आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। अब उनकी नीति क्या होगी, यह समय के साथ सामने आएगा। परंतु यह सामने आ रहा है कि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अधिक दिखावे पर विश्वास नहीं कर रहे। शायद उनकी समझ में यह बात है कि दिखावा करने से ऊपर-ऊपर तो सब अच्छा नजर आता है किंतु अंदर से हम खोखले होते जाते हैं।

इसी प्रकार एक बड़ा प्रश्न यह भी है कि अभी जिले के संगठनों के चुनाव होने हैं, जिला अध्यक्ष तय होने हैं, जबकि भाजपा शीर्ष नेतृत्व की ओर से यह कहा जा चुका था कि हमने सभी जिला अध्यक्षों के नाम तय करके रख लिए हैं। यदि यह सत्य होता तो आज इतने बड़े अवसर पर उनकी घोषणा कर इस कार्यक्रम को और चार चांद लगा देते हैं। लेकिन लगता है ऐसा है नहीं। जैसा होगा समय के साथ हम भी चर्चा करते रहेंगे।

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