-यूनियन से मिलने से मना कर कार्यालय छोड़ भागे महानिदेशक राज्य परिवहन। -जल्द ही मीटिंग कर महानिदेशक के भेदभाव पूर्ण रवैये के खिलाफ होगी बड़े आन्दोलन की घोषणा।

चण्डीगढ ,29 जुलाई.

रोड़वेज कर्मचारियों की वर्षों से लम्बित मांगों को लेकर हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ का प्रान्तीय शिष्टमंडल राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना के नेतृत्व में महानिदेशक से चण्डीगढ उनके कार्यालय में मिलने गया। शिष्टमंडल में राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना के अलावा उप महासचिव बलबीर जाखड़ व नवीन राणा, मुख्य संगठन सचिव बिजेन्द्र सिंह अहलावत, राज्य कोषाध्यक्ष राजपाल, उप प्रधान रणबीर सिंह मलिक व रमेश श्योकन्द, प्रैस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा, राज्य कार्यालय सचिव जयकुमार दहिया व सचिव सतपाल राणा उपस्थित थे।

यूनियन द्वारा कर्मचारियों की लम्बित मांगों के लिए बार बार लिखित मे समय मांगने पर महानिदेशक द्वारा मिलने का समय नहीं देने से खफा व भेदभाव पूर्ण रवैये के कारण महानिदेशक कार्यालय पर जमकर नारेबाजी की गई। यूनियन के राज्य प्रधान इन्द्र सिंह बधाना व प्रैस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने बताया रोड़वेज कर्मचारियों की वर्षों से लम्बित मांगों को महानिदेशक राज्य परिवहन वीरेंद्र सिंह दहिया जानबूझ कर लटकाये हुये हैं। यूनियन की 8 जुलाई हुई राज्य सचिवमंडल मीटिंग में महानिदेशक राज्य परिवहन से मिलने का निर्णय लिया गया। प्रैस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने 10 जुलाई को ही महानिदेशक कार्यालय में लिखित पत्र देकर यूनियन द्वारा मिलने का समय मांगा। उसके बाद 10 सदसीय शिष्टमंडल ने आज फिर लिखित पत्र देकर मिलने का समय मांगा, परन्तु महानिदेशक द्वारा भविष्य में भी मिलने का कोई समय देने से मना कर दिया व कार्यालय छोड़ कर भाग गए। इसलिए गुस्साए कर्मचारी नेताओं ने महानिदेशक कार्यालय पर जमकर नारेबाजी की। कर्मचारी नेताओं ने कहा हमेशा ही सर्व कर्मचारी संघ से सम्बन्धित हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाते हैं। उन्होंने कहा रोड़वेज कर्मचारियों की मानी गई मांगों को लागू करने की बजाए हमेशा महानिदेशक लटकाये रखना चाहते हैं। जिस कारण रोड़वेज कर्मचारियों में भारी गुस्सा है। उन्होंने कहा जल्द ही यूनियन की बैठक बुलाकर महानिदेशक के भेदभाव पूर्ण व अड़ियल रवैये के खिलाफ निर्णायक आन्दोलन की घोषणा की जाएगी।

यूनियन नेताओं ने कर्मचारियों की लम्बित मांगों की चर्चा करते हुए कहा 1992 से 2002 के मध्य लगे सभी कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने, सभी कर्मचारियों को 5 हजार रुपये जोखिम भत्ता देने, खाली पदों पर पक्की भर्ती करने, परिचालकों का पे स्केल बढाने, पुरानी पैंशन स्कीम लागू करने, वर्ष 2018 में हुई 18 दिन की हड़ताल के दौरान कर्मचारियों पर एस्मा के तहत दर्ज मुकदमे व हड़ताल का समर्थन व सहयोग करने पर अन्य विभागों के कर्मचारियों व आम नागरिकों पर दर्ज मुकदमे रद्द करने, चार साल के बकाया बोनस का भुगतान करने, कर्मशाला कर्मचारियों के राजपत्रित अवकाश पहले की तरह लागू करने, 2016 में भर्ती चालकों को पक्का करने, परिचालकों को ई टिक्टींग मशीन उपलब्ध करवाने, कोरोना महामारी के चलते रोड़वेज कर्मचारियों को 50 लाख रूपये बीमा पॉलिसी में शामिल करने, पी पी ई किट सहित सभी उपकरण उपलब्ध करवाने, ( कोरोना महामारी के दौरान बसें खड़ी रहने,सोशल डिसटैंस के कारण बसों मे कम यात्रियों के सफर करने,डीजल की कीमतों में भारी बढ़ौतरी होने व 43 श्रेणियों को फ्री व रियायती दरों पर यात्रा करने के कारण विभाग को हुए घाटे की भरपाई के लिए ) सरकार 850 करोड़ रुपये का पैकेज देने, कर्मचारियों के बंद किये DA व LTC आदि भत्ते शुरू करने, नई भर्ती पर लगाई गई रोक हटाने, वर्दी व जूतों के रेट बढाने, निजीकरण व ठेका प्रथा पर रोक लगाने, विभाग में प्रति वर्ष 2000 सरकारी बसें शामिल करने आदि सहमत हुई मांगों को लागू करने के लिए सरकार व प्रशासन बिल्कुल गम्भीर नहीं है।