प्रदेश भर के मीडिया पेंलिस्ट और जिलों के मीडिया प्रभारी भी जुड़े
कांग्रेस का शीर्ष कमजोर, नेतृत्व करने में सक्षम नही: धनखड़
रमेश गोयत
चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी के मीडिया विभाग की एक वर्चुअल बैठक बुधवार को प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता में हुई। प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा होने के बाद ओमप्रकाश धनखड़ की यह पहली वर्चुअल बैठक थी। बैठक में भाजपा के संगठन महामंत्री सुरेश भट्ट, निवर्तमान अध्यक्ष सुभाष बराला, सांसद एवं प्रदेश महामंत्री संजय भाटिया, प्रदेश महामंत्री संदीप जोशी, प्रदेश महामंत्री वेदपाल, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी रणदीप घनगस समेत सभी प्रवक्ता, पेंलिस्ट और जिलों के मीडिया प्रभारी जुड़े। भाजपा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी रणदीप घनगस ने नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष का स्वागत और अभिनंदन किया। उसके बाद प्रदेशाध्यक्ष ने पार्टी के प्रवक्ताओं, पेंलिस्टो और जिले के मीडिया प्रभारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। प्रदेशाध्यक्ष ने पार्टी की आगामी रणनीति और गतिविधियों पर चर्चा की।
प्रदेशाध्यक्ष धनखड़ ने कहा कि क्योकि आज का समय में मीडिया एक सशक्त माध्यम है किसी भी विचार को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए इसलिए मीडिया विभाग पार्टी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रवक्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप सब मीडिया में पार्टी के चेहरे के तौर पर जाने जाते है आपकी बात पार्टी की बात मानी जाती है। आप सब देश और दुनियां की सबसे बड़ी पार्टी की आवाज है। भाजपा का नेतृत्त्व दुनिया का सर्वश्रेष्ठ नेतृत्त्व है और ऐसे सर्वश्रेष्ठ नेतृत्त्व के मार्गदर्शन में हम लोग काम कर रहे है, इसका हमे गर्व है।
धनखड़ ने प्रदेश भर के सभी प्रवक्ताओं, मीडिया पेंलिस्ट और जिलों के मीडिया प्रभारी के नाते काम कर रहे कार्यकर्ताओं को बताया कि कांग्रेस को जनता ने नकार दिया है। कोंग्रेस आज ऐसी पार्टी है जिसका शिखर ही कमजोर हो चूका है। कांग्रेस के नेतृत्त्व में अब इतनी क्षमता भी नहीं बची कि अपनी पार्टी के युवा चेहरों को सही मार्गदर्शन दे सके। कांग्रेस में आज युवा कुंठाओं से ग्रसित हो चुका है। जिसके कारण वे पार्टी छोड़कर जा रहे है। उन्होंने कहा कि हमारे कामों का विपक्ष विरोध कर रहा है, मै विपक्ष से पूछना चाहता हूँ कि अगर किसान अपनी मर्जी से अपनी फसल को सड़क के किनारे बेचना चाहता है तो क्या उसे रोकना चाहिए। यह किसान के लिए अवसर की तरह है, आजादी की तरह है। न जाने विपक्ष इसका क्यों विरोध कर रहा है। मोदी सरकार का यह फैसला किसान के हित में है।