-कोरोना को मजाक समझना पड़ सकता है भारी-उपायुक्त।

गुरूग्राम, 21 जुलाई। उपायुक्त अमित खत्री ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना के मरीजों को उनकी सुविधा के लिए होम आइसोलेशन का विकल्प दिया गया है, इसलिए उन्हें चाहिए कि वे इसे गंभीरता से लें । कोरोना एक संक्रामक बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलती है, इसलिए इसे मजाक समझना भारी पड़ सकता है। लोग इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी डूज़ एंड डोन्टस को गंभीरता से लें। 

उपायुक्त ने कहा कि कोरोना के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए यह बहुत जरूरी है कि कोरोना का मरीज स्वस्थ व्यक्तियों के संपर्क में बिल्कुल न आए। इसीलिए कोरोना पॉजिटिव मरीजों को एकांत (आइसोलेशन) में रखा जाता है और वायरस के खत्म होने तक उसका इलाज किया जाता है। अस्पताल की सुविधाओं व माहौल के बजाय अनेक लोग अपने घर पर ही आइसोलेट होने में सहज महसूस करते हैं, इसलिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे लोगों को होम आइसोलेशन की अनुमति दे दी जाती है जिनके घर में आइसोलेट होने के लिए पर्याप्त स्थान व अन्य सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। 

होम आइसोलेशन का उल्लंघन करने वाले लोगों की मोबाइल लोकेशन के आधार पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने का भी प्रावधान है। उपायुक्त ने आमजन से आह्वड्ढान किया कि वे निर्धारित मानदंडो का गंभीरता से पालन करें। यदि हम सावधान नहीं रहेंगे तो कभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं जिसके कारण परिवार के अन्य सदस्य भी इसकी चपेट में आ जाएंगे। बुजुर्ग और बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण यह उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसलिए जिला के हर व्यक्ति से अपील की जाती है कि कोरोना से बचकर रहें। इसके लिए घर से बाहर तभी निकलें जब बहुत जरूरी हो। बाहर निकलते समय मुंह पर मास्क जरूर लगाएं। घर में हों या बाहर, बार-बार साबुन व सैनेटाइजर से हाथ साफ करते रहें। घर से बाहर हों तो अन्य व्यक्तियों से कम से कम 6 फुट की दूरी जरूर बनाकर रखें ताकि यदि कोई संक्रमित व्यक्ति आसपास हो तो उससे वायरस आपको संक्रमित न करे। हम स्वयं अपना बचाव करेंगे तो हम और हमारे परिजन भी कोरोना से सुरक्षित रहेंगे।

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