बिना जमीन के मालिक ही निकाल दिया सेब मंडी के प्लाटों का विज्ञापन: विजय बंसल
बंसल ने अलॉटमेंट प्रक्रिया समेत सेब मंडी के निर्माण को बताया एक बड़ा घोटाला

रमेश गोयत

पंचकूला। शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष एवं पूर्व चेयरमेन विजय बंसल एडवोकेट ने क हा कि मंडी बोर्ड के उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से अधिकारियों को भ्रष्टाचार कर गलत माध्यमो से पैसे कमाने की होड़ व उनके चहेतों को मंडी में प्लॉट अलाट करने की हड़बड़ाहट के आगे सभी नियमो को दरकिनार करने का कार्य किया जा रहा है जिसको लेकर जनता के 100 करोड़ को चलती नाली में बहाने से कम काम नही किया जा रहा। बंसल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सारे मामले की जानकारी एक पत्र के माध्यम से भेजी है, इसके साथ ही ईमेल व ट्विटर के माध्यम से सीएम से मिलने का समय भी मांगा है। हालांकि अभी तक एचएमटी सेब मंडी में कवर शेड,शौचालय,प्लेटफार्म,लाइट्स समेत अन्य मूलभूत सुविधाए तक मुहैया नही करवाई गई।

मंडी बोर्ड मालिक नही, तो कैसे शुरू कर रहे प्लाट आवंटन प्रक्रिया…

हाल ही में हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड द्वारा सेब मंडी में आढ़तियों को प्लॉट अलाट करने के लिए एक एक्सप्रेशन आॅफ इंटरेस्ट के माध्यम से विज्ञापन जारी किया गया जिसे विजय बंसल ने गैर कानूनी बताया है। बंसल का कहना है कि अभी तक मंडी बोर्ड उस 78 एकड़ जमीन का मालिक ही नही बना जहां पर प्लांट बेचने की प्रक्रिया शुरू करने की बात की जा रही है।जहां पर भी कोई मंडी बनती है उसकी मालिक वहां की मार्किट कमेटी होती है इसलिए प्रस्तावित एचएमटी सेब मंडी की भी मालिक मार्किट कमेटी पंचकूला है।

– 49 करोड़ में तय हुआ था सौदा,अब लागत हुई 63 करोड़…

विजय बंसल ने बताया कि मंडी बोर्ड का एचएसआईआईडीसी से कुल 78 एकड़ जमीन का सौदा लगभग 49 करोड़ में तय हुआ था परन्तु जब मंडी बोर्ड, एचएसआईआईडीसी को समय पर पैसे नही दे सका तो 8.11 प्रतिशत ब्याज लगने के कारण जमीन की लागत अब 63 करोड़ हो गई है जबकि वही मार्किट कमेटी पंचकूला द्वारा केवल 36 करोड़ राशि ही जमा करवाई गई है। सेक्टर 20 एपल मंडी पंचकूला में आढ़तियों के लिए निर्मित 44 दुकानों में खुली बोली में 13 दुकानदारों ने आवेदन किया था,केवल 3 ने पैसे जमा करवाए बाकी दुकाने रेसयुम करनी पड़ी जिससे कमेटी को करोड़ो का नुकसान हुआ।

5 सदस्यीय कमेटी का होता है गठन..

मंडी बोर्ड के मुख्य प्रशासक द्वारा सेब मंडी के प्लाट आवंटनों के लिए मांगे गए अभिरुचि की अभियक्ति(ईओआई) के आवेदनों को भी गैर कानूनी करार दिया है।बंसल ने बताया कि नियमो के अनुसार जब इस तरह के ईओआई के आवेदन लिए जाते है उस स्थिति में 5 सदस्यीय कमेटी का गठन होता है जिसमे मार्किट कमेटी का एडमिनिस्ट्रेटर,सचिव,डिस्ट्रिकट मंडी इंफोर्समेंट आॅफिसर, एक्सईएन, मंडी बोर्ड का आॅब्जर्वर होते है परन्तु इस मामले में भ्रष्टाचार करने की होड़ में सभी नियमो को दरकिनार करने का कार्य किया गया है।

– मार्किट कमेटी ने विभिन्न 10 कमेटियों से लिया 45 करोड़ का लोन…

हैरानी की बात तो यह है कि मार्किट कमेटी ने एक फ्लॉप प्रोजेक्ट के लिए विभिन्न 10 मार्किट कमेटियों से 45 करोड़ उधार 7.5 प्रतिशत पर लिया है,अब सवाल यह है कि कुछ अधिकारियों की भ्रष्टाचार की चाह के समक्ष मार्किट कमेटी पंचकूला को कर्जे में डूबना पड़ रहा है।जानकारी के अनुसार मार्किट कमेटी पंचकूला के पास तो किश्त देने के पैसे तक नही है,ऐसे में 1 प्रतिशत जुर्माने का भी बोझ कमेटी को सहन करना पड़ रहा है।

— सेल आॅफ इम्मोवेबल प्रोपर्टी रूल 2000 के नियमो का उल्लंघन…

विजय बंसल ने कहा कि सेल आॅफ इम्मोवेबल प्रोपर्टी रुल,2000 के अनुसार मार्केट कमेटी प्लाट की बिक्री सिर्फ दो माध्यम से कर सकती है।एक तो खुली बोली द्वारा या फिर ड्रा आॅफ लॉट के माध्यम से ड्रा आॅफ लोट द्वारा उन आढ़तियों को प्लाट को दिए जाते हैं जिन एरिया को डिनोटिफाई करना होता है इस केस में कोई भी एरिया डिनोटिफाई नहीं किया जा रहा है इसलिए ड्रा द्वारा प्लॉट नहीं दिए जा सकते। अत: यहां पर खुली बोली द्वारा ही प्लॉट बेचे जा सकते हैं ताकि कमेटी की आर्थिक व्यवस्था को सुधारा जा सके, फिलहाल कमेटी के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के पैसे तक नहीं है।

पंचकूला के आढ़ती असक्षम साबित होंगे…

विजय बंसल ने बताया कि सेब मंडी के प्लाटों के आवंटन के लिए कुछ नेताओं, अधिकारियों व लोगो की मिलीभगत के चलते रिजर्व प्राइस पर अलाट करने की शर्त ऐसी रखी गई है जिसमे पंचकूला के अधिकतर आढ़ती योग्य ही साबित नही होंगे।इसमें चार वर्षीय अनुभव होना जरूरी है व ईओआई में आवेदन की आखरी तरिख 31 जुलाई 2020 है जबकि पंचकूला में लाइसेंस ही अक्टूबर 2016 या अक्टूबर 2017 में दिए गए,ऐसे में 4 साल का अनुभव यहां के आढ़तियों का पूरा ही नही हो सकेगा।ऐसी स्थिति में भ्रष्ट अधिकारी केवल मात्र अपने चहेते आढ़तियों को प्लाट आवंटित कर बोर्ड को चुना लगाकर अपनी जेबे भरने का काम करेंगे।

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