भूख-प्यास जानवरो व पशुओं की भूख शांत करने के लिए की मदद रमेश गोयत चंडीगढ़। लॉकडाउन की वजह से ज्यादातर दफ्तर, दुकानें, होटल बंद रहे और लोग अपने घरों में कैद होने के लिए मजबूर थे। ऐसे में सड़क पर रहने वाले पशु-पक्षियों और जानवरों की जान भी मुश्किल में आ गई थी। इन्हें भी खाना और पानी नहीं मिल पा रहा था। लॉकडाउन में इंसानो के लिए तो बहुत सी संस्थाए कार्य कर कर थी, मगर इन भूखें बेजूबान पशु-पक्षियों और जानवरों की तरफ किसी का भी घ्यान नही था। लेकिन लॉकडाउन की वजह से इंसान ही नही सड़क पर रहने वाले जानवरों और पशु पक्षियों के सामने भी खाने- पीने का बड़ा संकट था। इस मुश्किल संकट की स्थिति में चंडीगढ़ निवासी अरमान कोहली को इन भूखे पशु-पक्षियों और जानवरों की याद आई। अरमान कोहली निवासी सैक्टर 11 चंडीगढ़ ने अपने मित्र कें साथ मिलकर लॉकडाउन में इन जानवरों-पक्षियों का सहारा बने। चंडीगढ़ निवासी समाजसेवी अरमान कोहली अपने साथ अमरजीत सिंह को साथ लेकर लॉकडाउन की विषम परिस्थितियों में बेजुबान जानवरों और पंक्षियों की सेवा में जुटे गए। अरमान कोहली सैक्टर 22 में शहर के प्रसिद्ध आरोमा होटल के मालिक के बेटे है। विशेष बातचीत में अरमान कोहली ने बताया कि वे पिछले 20 सालों से अपने दादा के नाम दर्शन दरवेश फाऊडेÞशन चला रहे है। जिसमें गरीबो की सेवा बिना किसी निष्वार्थ भाव के की जाती है। इंसान की सेवा, पशु-पक्षियों और जानवरों की सेवा भी उन्होने अपने दादा व पिता से शिखी है। अरमान कोहली ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर लागू लॉकडाउन आवारा पशुओं पर भारी पड़ रहा है। ये बेजुबान अपने भूखे प्यासे होने की तकलीफ किसी को नहीं बता सकते तथा खाने की तलाश में यहां वहां भटकते रहते हैं जिससे कई बार वे दुर्घटनाओं का भी शिकार हो जाते हैं, ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि इन बेजुबानों का सहारा बने। कोहली ने सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों से भी पशु-पक्षियों का सहारा बनकर उन्हें भोजन चारा आदि की व्यवस्था करने की अपील की थी। जिसके बाद उन्होंने पशु-पक्षियों की देखभाल करने का बीड़ा उठाया। अब वे प्रतिदिन ऐसे बेजुबानों पशु-पक्षियों के लिए खाने का इंतजाम कर रहे हैं ताकि वे भूखे न रहे। ऐसा करने से उनके मन को सुख-चैन और आनन्द मिलता है। जानवरों के इलाज और सैकड़ो आवारा कुत्तों के लिए रोजाना रोटी का इंतजाम करके उन्हे खिलाकर आते है। लॉकडाउन के बीच हजारों करीब कुत्तों व पशु पक्षियों को भोजन खिला रहे हैं। अरमान कोहली ने बताया कि लॉकडाउन के बीच उन्हें जानवरों की मदद करने में काफी तकलीफ तो हुई लेकिन उन्होने हौंसला नहीं छोड़ा। उनका टारगेट हैं कि हर रोज 100 से 150 कुत्तों को रोटी खिलाना है। सुबह कुत्तों के लिए रोटी तैयार करवाकर अपने दोस्त अमरजीत के साथ निकल पड़ते हैं। कुत्तों के पिल्लों को सबसे ज्यादा रोटी की जरूरत होती है। आवारा पशुओं के लिए हरे चारा खिलाना और पक्षियों के लिए दाना भी शहर से अलग-अलग हिस्सों में डाला जाता है। बन्दरो को केले जगंलों में जाकर भी डालकर आते थे। शहर की गऊशालाओं में जाकर गऊओ को चारा डालकर आते रहे है। Post navigation प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सर्व खाप महिला कॉन्फ्रेंस में महिलाओं का उमड़ा जनसैलाब मेडिकल कॉलेज सिरसा, कैथल और यमुनानगर में पाठ्यक्रम शुरू करने की मिली मंजूरी