किस आधार पर पी.एच.डी. करने वाले प्राध्यापकों की लिस्ट भेजी.
ऐसे दावा करने वालों पर किया जाएगा मानहानि का मुकदमा  

फतह सिंह उजाला

पटौदी। हाल ही में हरियाणा के विभिन्न जिलों से लगभग 27 लोगों ने बिना ही किसी जांचपड़ताल  के लगभग 18 विश्वविद्यालयों की डिग्रीयों को फर्जीबता दिया साथ ही बिना किसी आधार के पी. एच. डी. करने वाले प्राध्यापकों की एक लिस्ट बनाकर हरियाणा के सभी राजकीय महाविद्यालयों को भेज दी । इस पर प्रतिक्रिया देते हुये राजकीय महविद्यालय जाटौली-हैलीमंडी में कार्यरत डा. त्रिलोक सिंह ने  बताया कि इस प्रकार से बिना किसी जांच पड़ताल के परिणाम के बिना किसी भी विश्वविद्यालय तथा प्राध्यापक की डिग्री को फर्जी बताना किसी के आत्मसम्मान को ठेस पहुचाना तथा भारतीय दंड संहिता के अनुछेद 499 के तहत गंभीर कानूनन अपराध है। इन सभी लोगो पर एफ. आई. आर. दर्ज करवाई जाएगी तथा मानहानि का मुकदमा भी किया जाएगा ।

डा. त्रिलोक सिंह ने बताया कि ये सभी वो लोग है जिंहोने 2015 से 2019 के बीच पात्रता हासिल की तथा अब अपने आपको कॉलेज में लेक्चरर लगने के लिये पात्र बताते है । परंतु इनको मेरिट के आधार पर कहीं भी रोजगार नहीं मिला या मिला तो कम वेतनमान के चलते इन्होंने खुद छोड़ दिया । इन्होंने उच्चतर शिक्षा विभाग तथा हरियाणा के कॉलेजों के प्राचार्य पर भी एक्सटैन्शन लेक्चरर की भर्ती में भेदभाव करने का आरोप लगाया है, जबकि  एक्सटैन्शन लेक्चरर की भर्ती उच्चतर शिक्षा विभाग के दिशानिर्देश के अनुसार विज्ञापन, साक्षात्कार तथा मेरिट के आधार पर हुई है ।

एक्सटैन्शन लेक्चरर की भर्ती उच्चतर शिक्षा विभाग के दिशानिर्देश के अनुसार 2010 से शुरू हुई थी । उस समय इनको केवल 200 रूपये प्रति पीरियड मिलते थे तथा परीक्षा एवं अवकाश के दौरान कोई वेतन नहीं दिया जाता था । जब- जब जिस महविद्यालय में कार्यभार बढ़ा तथा रेगुलर प्राध्यापक उपलब्ध न होने की वजह से विज्ञापन के आधार पर मेरिट बनाकर एक्सटैन्शन लेक्चरर को लगाया जाता था । लगभग 8-10 वर्षों तक बहुत ही कम वेतन में काम करने के बाद माननीय सर्वोच्च न्यायलय के आदेशों की अनुपलना में हरियाणा सरकार ने जून 2019 में समान काम समान वेतन लागू किया,जिसकी वजह से एक्सटैन्शन लेक्चरर का वेतनमान 57700/- हो गया । इसलिये अब इन लोगों को एक्सटैन्शन लेक्चरर की भर्ती में भेदभाव तथा डिग्रीयां फर्जी दिखने लगी ।

उच्चतर शिक्षा विभाग ने 2017 में एक्सटैन्शन लेक्चरर की भर्ती बंद कर दी थी । जबकि उससे पहले 2010 से 2017 तक जब-जब जिस जिस महविद्यालय  में कार्यभार बढ़ा तो विज्ञापन के आधार पर एक्सटैन्शन लेक्चरर की भर्ती की गई। साथ ही हरियाणा लोक सेवा आयोग के द्वारा भी दो नियमित भर्तियाँ की गई लेकिन इन लोगो का चयन न तो लोक सेवा आयोग की भर्ती में हुआ ओर न ही इनका चयन एक्सटैन्शन लेक्चरर की भर्तियों में हुआ । इसलिए इन लोगो को अब सारी अनियमितताएँ तथा डिग्रीयों का फर्जीवाड़ा दिखाई दे रहा है । लेकिन इन लोगो को ऐसे बख्सा नहीं जाएगा इनके खिलाफ एफ. आई. आर. दर्ज करवाई जाएगी तथा मानहानि का मुकदमा भी किया जाएगा ।

error: Content is protected !!