छह नये संक्रमितों सहित जिला में अब कोरोना पॉजिटिव की कुल संख्या 291-आज 9 मरीज ठीक होने के बाद डिस्चार्ज अशोक कुमार कौशिक नारनौल । सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार ने बताया कि जिला में आज 6 नए कोरोना वायरस संक्रमित केस आए हैं। अब जिला में कोरोना पॉजिटिव की कुल संख्या 291 हो गई है। उन्होंने बताया कि आज 9 कोरोना संक्रमित मरीज को डिस्चार्ज किया गया है। अभी तक जिले में कुल 201 कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं। जिला में कोरोना के 89 केस अभी भी एक्टिव हैं। उन्होंने बताया कि आज एक मोबाइल टीम ने 81 लोगों की स्क्रीनिंग की है। जिले में 4 जुलाई तक 74575 नागरिकों की स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से 44020 मरीजों में सामान्य बीमारी पाई गई है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के लिए अब तक जिले से 7764 सैंपल भेजे गए हैं। इनमें 332 सैंपल की रिपोर्ट आनी शेष है। आज आये कोरोना संक्रमित की सूची इस प्रकार है। गांव कांटी -1, मण्डी अटेली -2, महेंद्रगढ़ -1, इकबालपुर नंगली-1 तथा गांधी कॉलोनी नारनौल से 1 है। -स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर अब उठ रहे है सवाल कोई मरीज कोरोना संक्रमित मरीज जब घोषित होता है, तब उसकी सैंपल रिपोर्ट पॉजिटिव आए। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे कोविड-19 अस्पताल या फिर होम आइसोलेट करने के करीब 10 दिन बाद उसे ठीक बताकर स्वास्थ्य विभाग घर में सात दिन क्वारंटाइन का नोटिस दे रहा है। यह स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन है। अब बताएं कि संक्रमित मरीज का दूसरा सैंपल लिए बिना कैसे उसे डिस्चार्ज कर ठीक घोषित किया जा रहा है। यह सवाल मीडिया लगातार उठाता आ रहा है। इसी सवाल से जुड़ा मामला बीते कल गांव खेड़ा में सामने आया धा। नोएडा यूपी में ओपो कम्पनी में काम करने वाले युवक ने 18 जून को सरकारी अस्पताल में कोरोना सैंपल दिया। दो दिन बाद 21 जून को पॉजिटिव रिपोर्ट आ गई। घर में एक शौचालय होने के कारण उसे कोविड-19 अस्पताल पटीकरा में शिफ्ट कर दिया। मरीज के संपर्क में आए 8 लोगों का सैंपल 23 जून को लिए गए। जिसमें उसके पिता की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उसे भी कोविड-19 अस्पताल पटीकरा में शिफ्ट कर दिया था। बाकी सभी की रिपोर्ट निगेटिव थी। युवक को 28 जून को कोविड-19 अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया था। उसे 7 दिन घर में रहने के लिए कहा था। बुखार की शिकायत होने पर परिवार के 6 लोगों का दोबारा सैंपल एक जुलाई को लिए थे। जिसमें अब पांच लोगों की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई है। स्वास्थ्य विभाग की इस गाइडलाइन के हिसाब से पॉजिटिव केस से जुड़े लोगों को 10 दिन बाद ठीक कहकर डिस्चार्ज किया जा रहा है। धड़ाधड़ हो रहे डिस्चार्ज के बाद अब यह नए मरीजों की संपर्क चेन बनने लगी है। संक्रमित के दूसरे सैंपल की रिपोर्ट के आधार पर निगेटिव होने पर डिस्चार्ज हो तो तस्वीर साफ दिखाई दे। इस धुंधली तस्वीर से सिस्टम धुंधला दिखाई दे रहा है। Post navigation सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय को शोध का उद्देश्यः सुनील अम्बेकर सड़क नव-निर्माण को लेकर डिप्टी सीएम को सीहमा के ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन