पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज से 1983 पीटीआई को क्या मिला चंडीगढ़, 02 जुलाई। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने सरकार से सवाल किया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से 1983 पीटीआई को क्या मिला। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि अगर सरकार इस एफआईआर के साथ ही बर्खास्त पीटीआई की सेवाएं बहाल करने का रास्ता निकालने की घोषणा करती तो लगता कि सरकार पीटीआई के साथ न्याय करने के प्रति गंभीर है। लेकिन सरकार के निर्देश पर हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो द्वारा तत्कालीन कर्मचारी चयन आयोग के चैयरमैन,सदस्यों व अधिकारियों पर बिना नाम के मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई आंदोलनरत पीटीआई के गुस्से को शांत करने का प्रयास किया गया लगता है। उन्होंने कहा कि अब इस मामले का राजनीतिकरण होने की प्रबल संभावना बन गई है। जिसके शुरू से ही प्रयास किए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार बर्खास्त 1983 पीटीआई की सेवाएं बहाल करने का कोई रास्ता नहीं निकालेगी,तब तक आंदोलन शांत नहीं होगा। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी और हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष सीएन भारती व महासचिव जगरोशन ने कहा कि बृहस्पतिवार को दिवस मनाया जाएगा। जिसके तहत प्रदेशभर में प्रर्दशन किए जाएंगे। प्रदर्शनों में अन्य मांगों के साथ ही इस मामले को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूर्व अध्यक्ष पर एफआईआर दर्ज होने से यह तो स्पष्ट हो गया की बर्खास्त पीटीआई निर्दोष है और सरकार माननीय सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पैरवी करती तो भर्ती रद्द नहीं होती। उन्होंने बताया कि बेशक चयन प्रक्रिया में बार बार बदलाव किया गया है, लेकिन अंतिम चयन प्रक्रिया पूर्व में भर्ती किए गए पीटीआई वाली ही है। पीड़ितों के अनुसार आयोग ने ऐसा प्रस्ताव तो डाला हुआ है, लेकिन इसकी सार्वजनिक नोटिफिकेशन जारी नही की हुई है। इस पुरे मामले में यही खामी है। अपनाई गई प्रक्रिया से नहीं लगता कि किसी को लाभ देने के लिए ऐसा किया गया था। Post navigation केंद्रीय गृह मंत्री की एनसीआर के साथ लगते तीन राज्यों के सीएम की बैठक ख़त्म क्या भाजपा के पास प्रदेश प्रधान पद के लिए कोई सक्षम नेता नहीं है?