यदि सरकार ने शीघ्र  ही मनेठी निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की तो भाजपा लोगै का कड़ा  विरोध सहने को तैयार रहें1 

2 जुलाई 2020 –  स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा मनेठी एम्स के लिए स्वेच्छा से जमीन देने की समय अवधि जो 30 जून तक थी वह भी खत्म हो गई1 अब हरियाणा भाजपा सरकार बताएं 30 जून तक सरकारी पोर्टल पर कितने किसानों ने कितनी जमीन मनेठी एम्स निर्माण के लिए स्वेच्छा से देने का वचन दिया1                 

विद्रोही ने कहा कि भाजपा सरकार ने मनेठी-रेवाड़ी में एम्स निर्माण के लिए ढाई सौ एकड़ जमीन भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत अधिग्रहित करने का सीधा-सरल रास्ता अपनाने की बजाय पोर्टल पर किसानों से स्वेच्छा से जमीन लेने का आड्डा-तिरछा टेड़ा मार्ग चुना1 ताकि क्या तो सरकार को एम्स निर्माण करना ही न पड़े या इस मामले को अधिकतम समय तक लटकाया जा सके1 मनेठी व आसपास के किसानों ने एम्स बनवाने के लिए पहले मार्च 2020 में फिर जून 2020 में खोले गए सरकारी पोर्टल पर स्वेच्छा से जमीन देने का वचन दिया है1                  

  विद्रोही ने कहा मनेठी एम्स निर्माण के लिए क्षेत्र के किसान, आमजन जो कुछ कर सकते थे उन्होंने वह प्रतिबद्धता से किया1 अब सरकार की बारी है वह बताएं स्वेच्छा से पोर्टल पर जमीन देने के क्या परिणाम निकले? कितने किसानों ने कितनी जमीन पोर्टल पर जमीन देने का वचन दिया है1 वह जमीन एकमुश्त, एक साथ लगती जमीन है या टुकड़ों में बंटी जमीन है1 यदि जमीन टुकड़ों मे है और टुकड़ों के बीच के जमीन के मालिक किसानों ने सरकार को अपनी इच्छा से जमीन नहीं दी तो सरकार का अगला कदम क्या होगा?             

 विद्रोही ने पूछा यदि ऐसी स्थिति आई तो एम्स निर्माण के लिए 250 एकड़ जमीन इक_ा करने के लिए सरकार अब भूमि अधिग्रहण कानून के तहत बची जमीन को अधिग्रहित करने की प्रक्रिया प्रारंभ करेगी या फिर से स्वेच्छा से जमीन देने का पोर्टल पर खेल खेलकर एम्स निर्माण को और लटकाएगी? यह ऐसा यक्ष प्रश्न है जिसका जवाब सरकार को देना ही होगा1             

 विद्रोही ने कहा उनकी तो पहले ही दिन से बड़ी स्पष्ट राय रही हैं कि भूमि अधिग्रहण कानून के तहत ढाई सौ एकड़ जमीन अधिग्रहित करने से किनारा करके भाजपा खट्टर सरकार एम्स निर्माण काम को एक सुनियोजित रणनीति के तहत ठंडे बस्ते में डालने की फिराक में है1 क्योंकि सरकार अच्छी तरह जानती है कि स्वेच्छा से पोर्टल पर एकमुश्त एक साथ लगती ढाई सौ एकड़ जमीन मिलने से रहीं1 और जब एक मुश्त, एक साथ लगती ढाई सौ एकड़ जमीन नहीं मिलेगी तो बहानेबाजी करके मनेठी एम्स निर्माण को बड़ी आसानी से ठंडे बस्ते में डाला जा सकेगा 1

 विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को चेतावनी दी यदि भाजपा सरकार ने एम्स निर्माण को ठंडे बस्ते में डालने का षडय़ंत्र किया तो किसी भी हालात में दक्षिणी हरियाणा के लोग अब ऐसी तिकड़म को बर्दाश्त नहीं करेंगे1

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