1 जुलाई 2020. स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा जिस तरह टिड्डी दल हरियाणा सहित देश के विभिन्न भागों में फसलों पर हमला करके उन्हें चट कर रहा है उससे किसानों में भारी खौफ है1 विद्रोही ने कहा टिड्डी दल के हमलों से फसले चौपट हो रही है और किसानो को बर्बाद फसल का मुआवजा भी नहीं मिल पाएगा1 क्योंकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत टिड्डी दल के हमले से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है1 भारत में 28 वर्ष बाद टिड्डी दल ने व्यापक स्तर पर हमला किया है1 इसलिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में टिड्डी दल से हुई बर्बाद फसलो का मुआवजा देने की बात किसी ने सोची ही नहीं1 विद्रोही ने कहा अब समय आ गया है कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार करके प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में टिड्डी दल से नष्ट फसलों को मुआवजा देने का तत्काल प्रावधान करे1 केंद्र सरकार यह प्रावधान करें किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा से फसलों को नुकसान होने पर किसानों को मुआवजा दिया जाएगा1 ऐसा प्रावधान करने से किसानो को प्राकृतिक आपदा से नष्ट फसलों का मुआवजा स्वंयंमेव मिल जाएगा1 विद्रोही ने कहा मंगलवार को प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन से लोगों में भारी निराशा हुई1 प्रधानमंत्री मोदीजी ने अपने संबोधन में कोरोनावायरस संकट के चलते पहले है घोषित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत जून तक दिए जाने वाले मुफ्त राशन की समय अवधि नवंबर तक बढ़ाई है1 इस ऐलान के लिए प्रधानमंत्री का कोरोना संकट व चीन सीमा विवाद के समय राष्ट्र संबोधन देश के साथ क्रूर मजाक है1 पहले से घोषित इस योजना की समय अवधि तो मात्र एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बढाई जा सकती थी1 विद्रोही ने कहा इस काम के लिए राष्ट्र संबोधन का दुरुपयोग करके इसे इवेंट बनाना बताता है मोदी जी कोरोना संकट व चीन सीमा विवाद पर कतई भी गंभीर व संवेदनशील नहीं है1 प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर 2020 तक बढ़ाने के लिए जिस तरह राष्ट्र संबोधन के नाम पर इवेंट नौटंकी की वह साफ संकेत दे रहा था यह सारी कवायद बिहार विधानसभा चुनाव में लाभ प्राप्त करने के लिए की गई है1 जब देश का प्रधानमंत्री कोरोना संकट में आमलोगों की जाने वाली सहायता को भी चुनाव की तराजू पर तोलेगा यही अपने आप में भारी विडंबना है1 विद्रोही ने कहा अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी जी का चीन सीमा विवाद पर एक शब्द भी नहीं बोलना बताता है कि वे सच बताने से डरते हैं 1 वहीं चीन का सीधा नाम लेकर आलोचना से बचते हैं1 जो भाजपा सरकार की कमजोरी को साफ रूप से दर्शाता है1 Post navigation दस वर्ष पुराने कर्मचारियों का गेट बंद, 35 के सामने रोजी-रोटी का संकट अवधि खत्म, सरकार बताएं 30 जून तक कितने किसानों ने कितनी जमीन मनेठी एम्स के लिए देने का वचन दिया