3 जुलाई 2020 –  स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने इस खबर पर गंभीर चिंता प्रकट की हरियाणा में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों को नवंबर तक मुफ्त राशन नहीं मिलेगा अपितु उन्होंने निर्धारित पैसा देकर पूर्व की तरह ही सरकारी राशन डिपो से राशन खरीदना पड़ेगा1   

विद्रोही ने कहा कि कटु सत्य यह है कि मोदी सरकार व हरियाणा भाजपा सरकार द्वारा कोविड संकट में लोगों को आर्थिक सहायता देने की कथित घोषणाओं और धरातल की वास्तविकता में दिन रात का अंतर है1 मोदी जी ने मंगलवार को अपने राष्ट्र संबोधन में दावा ठोका था कि देश में 80 करोड अर्थात देश की लगभग 62 प्रतिशत आबादी को सरकार नवंबर तक प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं या चावल व एक किलो चने की दाल मुफ्त में सरकार देगी1 उन्होंने दावा किया था कि अप्रैल-मई जून माह में भी 80 करोड़ लोगों को इसी तरह मुफ्त राशन दिया1         

 विद्रोही ने कहा देश की कुल आबादी के 62 प्रतिशत लोगों को मुफ्त राशन देने का दावा हवा हवाई ज्यादा है व यह दावा जमीनी वास्तविकता के धरातल पर खरा नहीं उतरता1 घोषणाओं, सरकारी कागजों में गरीबों को यह मुफ्त राशन बेशक बांट दिया होगा, पर जमीन पर मिला नहीं1 ऐसा ही वित्त मंत्री ने 14 मई को दावा किया था कि 8 करोड प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन दिया जाएगा1 पर सरकारी आंकड़े ही बताते हैं कि मई-जून 2020 में केवल 2.14 करोड़ प्रवासी मजदूरों को ही उक्त राशन मुफ्त में दिया जो सरकारी घोषणा का मात्र तेरह प्रतिशत है1 मोदी सरकार द्वारा घोषित 8 लाख मीट्रिक टन राशन में से केवल 1.7 लाख मीट्रिक टन राशन मुफ्त बांटा गया1 जो मोदी सरकार की घोषणा का मात्र 13 प्रतिशत है1       

विद्रोही ने कहा इसमें भी राजस्थान में ही प्रवासी मजदूरों को 95 प्रतिशत मुफ्त राशन बटा1 जबकी अधिकांश राज्यों में नाम मात्र का मुफ्त राशन प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में दिया गया1 अब यही हालत मोदी जी के 80 करोड लोगों को नवंबर तक मुफ्त राशन देने के दावे की होने वाली है1सरकारी राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता व निष्पक्ष स्वतंत्र निगरानी के अभाव में सरकार जो चाहे दावे ठोक देती है पर उनका परीक्षण करने का कोई उचित व्यवस्था नहीं है1         

 विद्रोही ने हरियाणा भाजपा-जजपा सरकार से मांग की हरियाणा में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत नवंबर माह तक मिलने वाले मुफ्त राशन बांटने की पूरी प्रक्रिया में निगरानी रखने के लिए हर डिपो पर दो सत्ताधारी पक्ष के, दो कांग्रेस सदस्यों व एक समाजसेवी सहित पांच लोगों की निगरानी समिति बनाई जाए1 ताकि वास्तव में प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुसार लोगों को नवंबर तक मुफ्त राशन जमीन पर मिला या नहीं इसकी कारगर निगरानी हो सके1 

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