सांस लेन में शिकायत के बाद उन्हें 17 जून से मुंबई के बांद्रा में स्थित गुरु नानक हॉस्पिटल में भर्ती थीं, जहां शुक्रवार देर रात 1.52 बजे कार्डियक अरेस्ट की वजह से उनकी मौत हो गई.

मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान का शुक्रवार देर रात कार्डियक अरेस्ट के चलते मुंबई में निधन हो गया. सांस लेन में शिकायत के बाद उन्हें 17 जून से मुंबई के बांद्रा में स्थित गुरु नानक हॉस्पिटल में भर्ती थीं, जहां शुक्रवार देर रात 1.52 बजे कार्डियक अरेस्ट की वजह से उनकी मौत हो गई. सरोज खान 71 साल की थी. कुछ दिन पहले ही उनका कोरोना टेस्ट भी कराया गया था, जो नेगेटिव आया था. जानकारी के मुताबिक, मुंबई के चारकोप कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.

सरोज खान ने बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक गाने दिए हैं. उनके सिखाए गए डांस के चलते बॉलीवुड में कई अदाकाराओं के करियर बन गए. उन्होंने साल 1983 में ‘हीरो’ फिल्म में कोरियोग्राफी की थी, जबकि बतौर कोरियोग्राफर उनकी आखिरी फिल्म ‘कलंक’ थी.

तीन बार की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रहीं सरोज खान ने कुछ यादगार गानों को कोरियोग्राफ किया है, जिसमें माधुरी दीक्षित-स्टारर फिल्म ‘तेजाब’, ‘ये इश्क है’ से 2007 में ‘जब वी मेट’ से लेकर संजय लीला भंसाली की ‘देवदास’ तक शामिल हैं.

सरोज खान ने मात्र तीन साल की उम्र से बतौर बैकग्राउंड डांसर अपना करियर शुरू किया था. उन्हें 1974 में पहली बार ‘गीता मेरा नाम’ से बतौर कोरियोग्राफर फिल्म इंडस्ट्री में ब्रेक मिला था.

उन्होंने सुपरडुपरहिट फिल्मों ‘मिस्टर इंडिया, चादनी, बेटा, तेजाब, नगीना, डर, बाजीगर, अंजाम, मोहरा, याराना, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, परदेश, देवदास, लगान, सोल्जर, ताल, फिजा, साथ‌िया, स्वदेश, कुछ ना कहो, वीर जारा, डॉन, फना, गुरु, नमस्ते लंदन, जव वी मेट, एजेंट विनोद, राउडी राठौड़, एबीसीडी, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, मणिकर्णिका’ तक के गानों को कोरियोग्राफ किया है.

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