– डोहरकलां गांव में फसलों पर किया हमला
-टीडी दल रात को जिले में ठहरा तो होगा दवाई का छिड़काव

अशोक कुमार कौशिक

नारनौल। टिड्डी दल का खतरा अभी टला नहीं है। जिला में आज दिन भर राजस्थान बॉर्डर की तरफ से टिड्डी दलों का आना-जाना जारी रहा। तीन दिन पूर्व रेवाडी़ गुरुग्राम की ओर गये दल में से एक दल ने वापसी की है।  यह दल रेवाडी़ के बादल, राजस्थान के नीमराणा, हरियाणा के खेड़ी कांटी के रास्ते जिले में आया। हवा का रुख पछुआ ओर तेज होने के कारण यह पृथ्वीपुत्र, राजपुरा, कुंजपुरा, नुपूर, नारनौल के आसमान से होता हुआ डोहरकलां पहुंचा और फसलों पर हमला बोल दिया।

 उपायुक्त आरके सिंह दिनभर अधिकारियों से इस बारे में पल-पल की जानकारी लेते रहे तथा आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे। वही डीसी ने सुबह लघु सचिवालय में आयोजित एक बैठक में सभी बीडीपीओ व कृषि विभाग के अधिकारियों को दिनभर अलर्ट रहने के निर्देश दिए।

कृषि उपनिदेशक डा जसविंदर सिंह सैनी ने बताया कि टिड्डियो का एक दल जो यूपी की तरफ 3 दिन पहले गया था वही दिल वापस रेवाड़ी होते हुए कांटी खेड़ी व कुंजपुरा व राजस्थान के आस-पास के गांव में दिखाई दे रहा है। एक दल भूषण शोभापुर मंडलाना नीरपुर होते हुए नारनौल से निकलने के बाद डोहरकलां व इसके आसपास के गांव में मंडरा रहा है।

फिलहाल इन सभी गांव के किसान कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर इन्हें यहां से भगाने में जुटे हुए हैं। अगर यह दल रात को यहां पर ठहरता है तो उस पर दवाई का छिड़काव किया जाएगा। जिला में सभी प्रकार की तैयारियां पूरी हैं।

कृषि विभाग का प्रयास है कि किसान लगातार इसी प्रकार जागरूक होकर विभिन्न यंत्रों के माध्यम से शोर मचाकर इन्हें भगाते रहें ताकि यह दल जिला में न ठहर पाए।

 सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डॉ हरपाल सिंह ने बताया कि बताया कि दूसरा दल झुंझुनू के गांव हसलसर व भड़ौदा कलां की तरफ दोपहर बाद तक मंडरा रहा था। यह दल भी गोद बलाहा की साइड शाम तक आ सकता है। कृषि विभाग के अधिकारी लगातार बॉर्डर पर साथ लगने वाले गांव के किसानों के संपर्क में हैं तथा उन्हें टीडी दल से बचाव के उपाय भी बताए जा रहे हैं।