डॉ. के पी सिंह का जन्म 1 जुलाई 1960 को गांव मवी कलां जिला सहारनपुर उत्तर प्रदेश में हुआ। आपकी शैक्षणिक योग्यता एम.ई. (सिविल) एल.एल.बी., एल.एल.एम., पीएचडी है। आप वर्ष 1985 हरियाणा कॉडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी है।

पुलिसिंग में एएसपी से अपना सफर आरम्भ करते हुए आपने हरियाणा पुलिस के शीर्ष पर रहते हुए हरियाणा पुलिस का नेत्तृत्व किया। आप पुलिस अधीक्षक पद पर हरियाणा के 8 जिलों क्रमश: भिवानी, हिसार, कैथल, अम्बाला, रोहतक, जीन्द, महेन्द्रगढ़, सोनीपत में बखूबी कमाण्ड संभाली। आपने एसपी पद पर राज्य अपराध शाखा, सीआईडी, एससीआरबी और एचएपी में भी अपनी सेवाएं दी।

आपने डीआईजी और आईजी के पद पर 4 साल तक हरियाणा पुलिस के सीआईडी प्रमुख के रूप में चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन किया। पुलिस महानिरीक्षक के रूप में आपने आईजीपी अम्बाला रेंज, उप निदेशक राज्य सतर्कता ब्यूरो, सुरक्षा हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटड, होमगार्ड प्रशिक्षण केन्द्र हरियाणा, हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन, आईजी ट्रेनिंग हरियाणा पंचकुला, आईजी जेल, पदों पर महत्वपूर्ण कार्य किया।

आप अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जेल व रिफॉर्मस, महानिदेशक जेल, के पद पर कार्य करते हुए हरियाणा के सुधार गृहों में पारदर्शिता लाने में सूचना प्रोद्यौगिकी का कार्य में उपयोग करने जैसे क्षेत्रों में असाधारण कार्य किया।

डॉ. सिंह डीजीपी राज्य अपराध शाखा हरियाणा, हरियाणा मानवाधिकार आयोग और 13 अप्रैल 2016 से 27 अप्रैल 2017 तक व 1 से 21 फरवरी 2019 तक पुलिस महानिदेशक हरियाणा के पद पर हरियाणा पुलिस का नेत्तृत्व करते हुए अमिट छाप छोड़ी। वर्तमान में आप महानिदेशक राज्य सतर्कता ब्यूरो हरियाणा के पद से से सेवानिवृत्त हो रहे है।

डॉ. सिंह एक अच्छे पुलिस अधिकारी होने के साथ-साथ एक अच्छे लेखक और प्रशिक्षक भी है। साहित्य, पुलिस प्रशिक्षण और कानूनी विषयों पर आपकी 24 पुस्तके, 4 मोनोग्राफ और ज्वलंत सामयिक विषयों पर 500 से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं। देश के बढ़े समाचार पत्रों, पुलिस विज्ञान पत्रिका, बीपीआरडी जरनल, द इण्डियन पुलिस जरनल, सीबीआई बुलेटीन के पाठकों को आपके ज्ञानवर्धक लेखों का बेसब्री से इंतजार रहता है।

बच्चों, महिलाओंं, वरिष्ठ नागरिकों और नागरिक अधिकारों से जुड़े कानूनों तथा संवेदनशील विषयों पर आपने 300 से अधिक व्याख्यान विभिन्न संस्थानों में दिए हैं। आप इंस्टीटयूट ऑफ करेकशनल एडमिनिस्ट्रेशन चण्डंीगढ़, हरियाणा इंस्टीटयूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन ग्ररुग्राम, महात्मा गांधी इंस्टीटयूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन चण्डीगढ़, सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद, नेशनल लॉ युनिवर्शिटी नई दिल्ली, इंस्टीटयूट ऑफ सोशल साईस नई दिल्ली, हरियाणा इंस्टीटयूट ऑफ रूरल डवलपमेंट नीलोखेड़ी, चण्डीगढ़ ज्यूडीशियल अकादमी, सीडीटीएस चण्डीगढ़, हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन जैसे देश के अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए अतिथि वक्ता है।

आपको प्रदान किए जाने वाले सम्मान एवं पुरस्कारों की सूची भी बहुत लम्बी है। आपको वर्ष 2016 में सराहनीय सेवाओं के लिए भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित पुलिस मेडल से अलंकृत किया गया है। साहित्य लेखन और प्रशिक्षण पुस्तकों के लेखन के लिए भी आपको 6 बार राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया गया है।

आपको पुस्तक, ‘काले कच्छे वाले’ तथा ‘पुलिस ज्ञान-विज्ञान’ के लिए पंडित गोविंद वल्लभपंत पुरस्कार से नवाजा गया। ‘मानव अधिकार एवं पुलिस तंत्र’ पुस्तक के लिए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग पुरस्कार, हिन्दी लेखन के लिए भारत सरकार से प्रतिष्ठित राजीव गांधी हिन्दी लेखन पुरस्कार और 2003 में पुस्तक समांतर के लिए व 2012 में हिन्दी कहानियों के लिए दो बार हरियाणा साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया है। आपने न केवल राज्य व देश में बल्कि विदेशों में भी अपनी प्रतिभा की चमक दिखाई है। आपने दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, फ्रांस, इटली, बेल्जियम, मोंटी-कार्लो, संयुक्त अरब अमीरात व टयूनिशिया का भ्रमण किया है।

व्यस्त पेशेवर जीवन में भी आप, अपने व समाज के लिए समय निकाल कर सैर करते है, गोल्फ, क्रिकेट खेलते है।

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