क्राइम रिफाॅर्मर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पुष्पक टाईम्स के प्रधान संपादक डाॅ. संदीप कटारिया ने बताया कि एक वक्त प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जिक्र किया था कि दिल्ली से 1 रुपया चलता है और गांवांे तक पहुंचते-पहुंचते सिर्फ 15 पैसे बचते हैं और 85 पैसे जो बीच में गायब हो जाते हैं वो दरअसल भारत के उस करप्ट सिस्टम के हिस्से में चले जाते हैं। जिस दिशा में कोई ध्यान देता ही नहीं है। यानि करप्शन की ऐसी मिसाल किसी प्रधानमंत्री के वक्तव्य में आ जाए ये दरअसल भारत के लिए कालजाही वक्तव्य हो गया है। क्योंकि उसके बाद जितने भी प्रधानमंत्री आए और जब-जब सिस्टम के करप्शन का जिक्र होता था इसी बयान का जिक्र हर कोई करता था। मौजूदा वक्त के प्रधानमंत्री ने भी कई बार इसका जिक्र किया है और आज भी किया और आज भी उन्होंने कहा कि दरअसल दिल्ली से एक वक्त पैसा चलता था और वो कहां पैसा चला जाता था। किसी को पता ही नहीं चलता था। कहां गायब हो गया, किस रूप में गायब हो गया लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

दरअसल आज जिस मौके पर उन्हांेने जिक्र किया कि उसके विज्ञापन देश भर के अखबारों में निकाले गए हैं। गरीब रोजगार कल्याण योजना के तहत अभियान निकाला गया है। इसमें तमाम तरह की योजनाएं यानि कि देश के जितने भी प्रवासी मजदूर हैं। वो गांवों जो लौटे हैं उनको वहां पर रोजगार कैसे मिलेगा। इसको लेकर रोजगार अभियान का जिक्र हुआ है। लेकिन इस जिक्र के बीच में ग्राउंड जीरो बनाया गया है वो ग्राउंड जीरो ये था कि दोपहार 11 बजे सभी न्यूज चैनल पर दिखाया जा रहा था।  लेकिन स्थान हैं ग्राम तिलिहार, जिला खगड़िया जो बिहार में आता है और बेलदौर प्रखंड है। तो इन तीन चीजों को याद रखिए गांव तिलिहार, जिला खगडिया और बेलदौर प्रखंड है। हमें लगा कि जिस बात का जिक्र प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि एक वक्त था कि पैसा चलता था और पहुंच नहीं पाता था। हमनें जब पता लगाना शुरू किया तो हमें लगा कि अब तो पैसा चलता ही नहीं हैं तो पहुंचेगा कहा से। एलान करना है, बटन दबाना है, इसके अलावा तो कुछ नहीं करना है। तो इस गांव, इस जिले, इस प्रखंड की स्थिति क्या है। यह भी आज हमनें परखने की कोशिश की। अलग-अलग योजनाएं वहां पहुंचती है।

डाॅ. कटारिया ने बताया कि  ठीक पांच साल पहले 1 लाख 25 हजार करोड़ का एक पैकेज का एलान किया गया था। याद कर रहे है आप 18 अगस्त 2015 आरा का इलाका था और वहां पर प्रधानमंत्री बोली लगा रहे थे बताइएं बिहार के लिए कितना पैकेज दिया जाए। 50 हजार करोड़, 60 हजार करोड़, 70 हजार करोड़, 80 हजार करोड़, 90 हजार करोड़ और कहते-कहते उन्होंने कहा कि सवा लाख करोड़ रुपये का हम पैकेज दे रहे हैं। चुनाव से ठीक पहले अगस्त का महिना था। अभी मौजूदा वक्त जून में खड़े है। यानि दो महीने बाद की स्थिति इस देश के भीतर बिहार को लेकर और ज्यादा उफान मारेंगी, कुलाचे मारेंगी और उसे रोकना मुश्किल हो जाएगा लेकिन वो सवा लाख करोड़ रुपये और आज का 50 हजार करोड़ का पैकेज और इन सबके बीच में अलग-अलग विभाग मंत्रालयों में या लोगों तक जो चीजें पहुंचनी चाहिए थी पहुंची है या नहीं पहुंची है।

हमें लगता है आज पूरा कच्चा चिट्ठा आपके सामने रखा जाए। जिससे आप समझ पाएंगे कि दरअसल जब सरकारें एलान करती है तो आखिर मीडिया का काम क्यों होता है उसको क्रीटिकल वे में एनालाइसिस करें और रिपोर्टस जो देशभर में फैले होते हैं उनके जरिये वहां के ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट को निकाल कर वो आपके सामने रखे और बता पाएं कि महज एलान हो रहा है। महज बटन दबाया जा रहा है। महज योजनाओं के जरिये सिर्फ रकम दर रकम बताई जा रही है या कुछ हो भी रहा है। हमें लगता है कि जिस गांव में आज सरकार पहंुची थी दिल्ली से वर्चुअल वे में पहुंची थी। लेकिन उसके बावजूद भी संवाद बन रहा था। खगडिया के बेलदौर के तिलहार गांव का वहां पर हमने पता लगाना शुरू किया कि कोई योजना वहां पहुंची है या नहीं पहुंची है। हालांकि  आज इस संवाद में एक महिला आई गीता देवी नाम की उनको पता चला प्रधानमंत्री आवास योजना हैं उसके जरिये उन्हें घर मिला है। उससे पहले उस इलाके के पंचायत अधिकारी थे उन्होंने एलान किया प्रधानमंत्री ने कहा मिल गया है ना किसी ने कोई पैसा तो नहीं मांगा बड़ी खुशी हुई बात खत्म हुई।

इस गांव में 6 गीता देवी हैं। 6 गीता देवी में से 4 गीता देवी को किसान सम्मान निधि की रकम जो 2000 रुपये होती है वो नहीं मिली। मसला सिर्फ एक गीता देवी का नहीं है खगडिया जिले के बेलदौर प्रखंड के तिलिहार गांव में किसान सम्मान निधि का जो नम्बर है वो नंबर है 238700 जब सरकार के डाॅक्यूमेंट को देखेगें। किसान सम्मान निधि वाली साइट पर जाएंगे तो वहां आपको इस गांव तक पहुंचते-पहुंचते ये नम्बर आपको दिखाई दे जाएंगा। उस नंबर के भीतर में तमाम लोगों के नाम हैं। इन लोगों को किसान सम्मान निधि का पैसा मिल गया है। हमनें इसी गांव के जिस  गांव से प्रधानमंत्री संवाद बना रहे थे उसी गांव के रेंडमली कुछ लोगों के नाम लिए और वहां के जो स्ट्रीगअर्स होते हैं उनसे संवाद कायम करना शुरू किया और वहां के अधिकारियों से भी पूछा की वाकई सबको किसान सम्मान निधि की रकम मिली हैं तो उन्होंने बोला कि आप कुछ नाम बतिए तो हम लोग बता सकते हैं। तो बोले कुछ को मिली तो बोले कुछ के पास तो आई है। हमने जितने भी लोगों के नाम लिए उन्हें किसान सम्मान निधि योजना को पैसा नहीं मिला था। यानि एक योजना है जो उसी गांवों को नहीं मिली जिस गांवों के प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए आज देश में 7 राज्यों को चुना गया और 116 जिलों को चुना गया। 116 जिलों में से 32 जिले बिहार के हैं लेकिन उस एक गांव की स्थिति क्या है वो आप सभी के सामने हैं। हमें लगा खाली एक गांव का चक्कर है क्या हम दूसरे गांव में गए ये बेलदौर प्रखंड का खगडिया जिले के गांव का नाम भी बेलदौर ही है। इसका जो गांव नम्बर हैं वो 238684 है यहां पर टोटल 849 किसान हैं। जिनको किसान सम्मान निधि का पैसा मिलना चाहिए जो तिलिहार गांव था उसमें 605 किसान थे जिनको पैसा मिलना चाहिए लेकिन रेंडमली पैसा नहीं मिला। साथ ही बेलदौर गांवों के लोगों को भी किसान सम्मान निधि का पैसा नहीं मिला। डाॅ. संदीप कटारिया ने बताया कि सरकार केवल योजनाओं का एलान  करती है उन योजनाओं का लाभ किसानांे को मिलता है या नहीं ये सरकार कभी जानने की कोशिश नहीं करती है। सरकार ने गरीब प्रवासी मजदूरो के लिए रोजगार अभियान के लिए 50 हजार करोड़ का एलान किया है। सरकार ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि बिहार में नवंबर में इलेक्शन है। यदि वह ऐसा नहीं करेंगी तो बीजेपी सरकार को वोट नहीं मिल वाएंगे इसलिए बीजेपी सरकार सत्ता में आने के लिए किसी भी हद को पार सकती है।

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