अनूप कुमार सैनी गुरुग्राम। एसटीएफ ने लग्जरी गाड़ियां चोरी करने और फर्जी तरीके से कागजात तैयार करवा कर बेचने के दादरी निवासी प्रवीन की निशानदेही पर रविवार को कार्रवाई की। पूछताछ में प्रवीन ने खुलासा किया कि वह महम के एसडीएम कार्यालय के कर्मचारियों से मिलीभगत करके कागजात तैयार करवा कर हरियाणा, दिल्ली व यूपी में बेचते हैं। एटीएफ गुरुग्राम की जांच में सामने आया कि एसडीएम कार्यालय महम के एमआरसी (मोटर रजिस्ट्रेशन क्लर्क) अनिल कुमार, कंप्यूटर ऑपरेटर कृष्ण कुमार, सोमबीर फर्जी कागजात, इंजन, चैसिस नंबर व वीआईएन नंबर बदल कर गाड़ियों को बैकलॉक द्वारा इंट्री करवाकर रजिस्ट्रेशन करवाते थे। इसके अलावा मूल फाइल चोरी व गायब करके सुबूत मिटा देते थे। गुरुग्राम एसटीएफ की शिकायत पर महम थाना पुलिस ने उक्त तीनों सरकारी कर्मचारियों समेत अमित कुमार, प्रवीन वासी दादरी, रमेश सिसर खास, सोमबीर वासी घसोला, धर्मबीर निवासी दादरी, सूबे वासी बालसवंद जिला हिसार, जसवंत उर्फ काला निवासी सिसर, रमेश बामल व अन्य पर 379, 409, 411, 420, 467, 468, 471, 473, 484, 201 व 120बी के तहत केस दर्ज किया है। रविवार दोपहर बाद महम थाना पुलिस ने तीनों सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार कर गुरुग्राम एसटीएफ को सौंप दिया। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर उन्हें चार दिन के रिमांड पर भेजा गया है।महम थाना पुलिस को दी शिकायत में गुरुग्राम एसटीएफ टीम ने बताया कि उन्होंने गुप्त सूचना के आधार पर दादरी के प्रवीन को चोरी की स्कॉर्पियो समेत गिरफ्तार किया था। पूछताछ में आरोपी प्रवीण ने बताया कि उसने इस गाड़ी के अलावा अपने साथियों के साथ कई लग्जरी गाड़ियां चोरी की हैं। आरोपी ने खुलासा किया कि वह फर्जी कागजात महम के एसडीएम कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के साथ मिलकर तैयार करवाते हैं। इस संबंध में आरोपी के खिलाफ 3 जून को थाना शहर दादरी में केस दर्ज किया गया था। आरोपी ने खुलासा किया कि वह अमित निवासी महम, रमेश निवासी सिसर खास, सोमबीर निवासी घसोला, धर्मवीर निवासी दादरी, सूबे निवासी हिसार, जसवंत उर्फ काला निवासी सिसर खास, रमेश बामल निवासी भारण व अन्य साथियों के साथ मिलकर यूपी, दिल्ली व हरियाणा से चुराई गाड़ियों के महम के एसडीएम कार्यालय के कर्मचारी एमआरसी अनिल, कंप्यूटर ऑपरेटर सोमबीर व कृष्ण से मिलीभगत कर महम वाहन रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी में बैकलॉग एंट्री के माध्यम से आरसी बनवा लेते थे और महंगे दामों में बेचते थे। आरोपी प्रवीन के कब्जे से 14 लग्जरी गाड़ियां बरामद की गई हैं। वहीं एसडीएम अभिषेक मीणा ने बयान दर्ज करवाया कि एसडीएम का कार्य वाहन रजिस्ट्री व लाइसेंस अथॉरिटी में किसी भी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, एनओसी और ट्रांसफर की अनुमति प्रदान करना होता है। इस कार्य को करने के लिए एसडीएम के पास वाहन पोर्टल पर यूजर नेम और पासवर्ड जारी किया होता है। जिसके माध्यम से अनुमति प्रदान की जाती है। यह यूजर नेम और पासवर्ड एनआईसी चंडीगढ़, एचटीसी ऑफिस चंडीगढ़ द्वारा प्रदान की जाती है। Post navigation एफ. आई. आई ने आत्मनिर्भर भारत-वोकल फार लोकल-गाय आधारित उद्योगों की क्षमता पर एक वेबिनार आयोजित किया चेतनदास गौ संवर्धन संस्थान करेगा अब नगर निगम की कार्टरपुरी गौशाला का संचालन