20 जून 2020 .  स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि राज्यसभा चुनाव ने फिर साबित कर दिया भाजपा लोकतंत्र, संविधान की हत्या करके सत्ता दुरुपयोग से येन-केन-प्रकेण चुनाव जीतने में विश्वास करती है1 भाजपा की लोकतंत्र और संविधान में नाममात्र की भी आस्था नहीं है1

वही विद्रोही ने कहा कि चुनाव आयोग अपनी निष्पक्षता, स्वतंत्रता, जमीर, संवैधानिक निष्ठा को ताक पर रखकर पूर्णतया संघ की शाखा बन चुका है1 जब चुनाव में भाजपा का सत्ता दुरुपयोग, कालाधन, खरीद-फरोख्त, सीबीआई-ईडी-आईटी दुरुपयोग काम नहीं आता तब चुनाव आयोग निष्पक्ष रेफरी का रोल छोडक़र बेशर्मी से संघी निक्कर पहनकर भाजपा को बेईमानी से चुनाव जितवाने के लिए अपने संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग करता है1             

विद्रोही ने कहा कि मणिपुर व गुजरात में हुए राज्यसभा चुनाव इसके जीवन प्रमाण है1 गुजरात में तो भाजपा को लाभ पहुंचाने चुनाव आयोग ने कोरोनावायरस संक्रमण का बहाना करके राज्यसभा चुनाव उस समय स्‍थगित किए जब देश में लगभग 500 संक्रमण पॉजिटिव केस थे1 और चुनाव उस समय राज्यसभा चुनाव करवाएं जब देश में कोरोना पोजेटिव केसों की संख्या लगभग चार लाख पहुंच चुकी थी1 ऐसी स्थिति में सहज अनुमान लगा ले चुनाव आयोग संघ की शाखा नहीं तो क्या है?               

विद्रोही ने कहा कि भाजपा को चुनाव जितवाने मणिपुर विधानसभा स्पीकर ने तो बेईमानी, षडय़ंत्रों, संवैधानिक पद दुरुपयोग की सभी हदें पार कर दी1 कांग्रेस के जो चार बागी विधायक व एक टीएमसी विधायक कांग्रेस को वोट देना चाहते थे उनको अपने संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग करके राज्यसभा चुनाव वोटिंग के दौरान उन्हे आयोग्य ठहराकर वोट देने से रोक दिया1 और जो कांग्रेस के तीन बागी विधायक भाजपा को वोट देना चाहते थे उन्हें वोट देने की अनुमति दे दी1         

 विद्रोही ने कहा कि एक ही मामले में स्पीकर का यह दोहरा मापदंड बेईमानी, संवैधानिक अधिकारों के दुरुपयोग की ऐसी गंदी मिसाल है जिसकी भारत के 72 सालों के प्रजातांत्रिक इतिहास में अन्य कोई मिसाल नहीं मिलती1 इस सारे घटनाक्रम में चुनाव आयोग ने आश्चर्यजनक चुप्पी साधकर भाजपा की खुली बेईमानी को समर्थन देकर संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग को कलंकित करके, संघ शाखा में बदलकर लोकतंत्र व संविधान की हत्या की1

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