बुधवार को गुरुग्राम में 180 नए पॉजिटिव केस दर्द किए गए.
बीते 24 घंटे के दौरान फिर पांच जिंदगी लील गया कोरोना

फतह सिंह उजाला

गुरुग्राम । दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र, हरियाणा की आर्थिक राजधानी गुरुग्राम और औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में कोरोना एक प्रकार से बेलगाम हुआ दिखाई दे रहा है । दिल्ली के विस्फोटक हालात बेकाबू होते देख वर्तमान में राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले देश के गृहमंत्री अमित शाह स्वयं दिल्ली में कोविड-19 पर लगाम कसने के लिए मोर्चा खोल चुके हैं ।

लेकिन सुबे के सबसे दो महत्वपूर्ण जिला गुरुग्राम और फरीदाबाद में बेकाबू हो रहे कोविड-19 को काबू में करना स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का ही दायित्व है । आर्थिक राजधानी गुरुग्राम में कोरोना कोविड-19 पर लगाम कसने के लिए नूंह के सीएमओ रहे डॉ वीरेंद्र यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई। ऐसा लगता है कि सीएमओ की रणनीति से अधिक तेज कोविड-19 की अपनी रणनीति और अधिक तेज है कि इस प्रकार से लोगों को अपने जाल में लपेटा जाए । हालात को देखें तो लग भी यही रहा है । बुधवार को बीते 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के कारण फिर से 5 जिंदगियां समाप्त हो गई । 21 मई से 17 जून तक जिला गुरुग्राम में कोविड-19 के कारण होने वाली मौत का आंकड़ा भी आप 50 की संख्या को पार कर गया है । यह आने वाले समय के लिए शुभ संकेत नहीं माने जा सकते । बीते 4 दिनों में 6-6-9 और 5 यह कोविड-19 से होने वाली मौत का आंकड़ा सामने आ रहा है। बुधवार को देश की आर्थिक राजधानी सुबह की आर्थिक राजधानी गुरुग्राम में कोविड-19 के 180 नए मामले दर्ज किए गए हैं । सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक इसी दिन ही 35 संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ होकर घर लौट ने वालों में शामिल है। अभी तक के गुरुग्राम जिला के आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो यहां पर कोविड-19 की संख्या 3862 बताई गई है । इनमें से 1949 को डिस्चार्ज किया जा चुका है । वर्तमान में कोविड-19 एक्टिव केस 1862 बताई गई है । वही अभी तक कोविड-19 के कारण होने वाली मौत की संख्या 51 हो चुकी है ।

बुधवार को सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक हरियाणा में जो कोविड-19 संक्रमित आंकड़े बताए गए हैं ,उनमें सबसे अधिक चैंकाने वाली सहित चिंता वाली बात औद्योगिक नगरी फरीदाबाद की रही है, यहां 228 पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं । इसके बाद दूसरे नंबर पर हरियाणा की आर्थिक राजधानी गुरुग्राम में 180 मामले दर्ज हुए हैं । सोनीपत में 37 मामले , झज्जर में 9 मामले , अंबाला में 4 मामले , पलवल में 16 मामले , पानीपत में 4 मामले , पंचकूला में दो मामले , जींद में 6 मामले , करनाल में 16 मामले , यमुनानगर में 15 मामले , सिरसा में 2 मामले , फतेहाबाद में 4 मामले , भिवानी में 5 मामले , हिसार में 19 मामले , रेवाड़ी में आठ मामले और कुरुक्षेत्र में पांच मामले कोविड-19 के हैं। राहत की बात यह रही है कि कैथल, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ , रोहतक और नंूह  जिला में बुधवार को कोई भी केस कोविड-19 पॉजिटिव का दर्द नहीं किया गया है ।

अब सवाल यह है कि स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासन की ऐसी क्या रणनीति है कि अचानक ही कोविड-19 संक्रमित पाए जाने वाले पीड़ितों के लिंक एरिया अर्थात उनके आवासीय क्षेत्र इलाके वार्ड गांव सेक्टर संख्या की जानकारी देना बंद कर दिया गया है । इस मामले में लोगों के द्वारा भी अपने अपने आकलन के मुताबिक हैरानी ही जाहिर की जा रही है , कि आम आदमी से कोविड-19 के संक्रमित होने वाले व्यक्ति के आवासीय क्षेत्र को तो गुप्त रखा जा सकता है लेकिन यह लुकाछिपी कहीं ना कहीं आसपास के रहने वालों या फिर संबंधित इलाके में आने जाने वालों के लिए आने वाले समय में गंभीर समस्या भी बन सकती है । इस बात से कतई भी इनकार नहीं किया जा सकता है, बाकी स्वास्थ्य विभाग शासन प्रशासन की जो भी रणनीति है वह उनके हिसाब से उनके ही पक्ष में अधिक महसूस हो रही है । इस रणनीति के चलते आम आदमी के कोविड-19 के जाल में फंसने से भी पूरी तरह इनकार भी नहीं किया जा सकता है ।

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