आरएसएस के प्रान्त कार्यवाह श्री पवन जिंदल से बात करके ये तो खुलासा हुआ कि इकोग्रीन गो बैक को आरएसएस के बैनर का अभियान बताना झूठ है व लोगों से समर्थन जुटाने के लिए इस प्रकार का भ्रम फैलाया जा रहा है I ऋग्वेद के श्लोक की व्याख्या है कि सतयुग में ज्ञान की शक्ति थी, त्रेता में मंत्र शक्ति बना, द्वापर में युद्ध शक्ति का प्रतीक बना तथा आज कलयुग में ‘संघे शक्ति कलौयुगे’ यानि संगठन में शक्ति है। आज संगठन में शक्ति है। इसी बात को ध्यान में रखकर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने चाइना की शक्ति को मात देने के लिए व देश की आत्मनिर्भरता के लिए देश को एकजुट होकर लोकल फॉर वोकल का मंत्र दिया I मोदी जी के आवाहन के तुरन्त बाद गुरुग्राम में बहुत सारी संस्थाएं एक बैनर के तले चाइनीज कंपनी इकोग्रीन का कूड़ा उठाने के लिए दिए गए ठेके के विरोध में आ गई , जैसे पाटलिपुत्र संस्कृतिक चेतना समिति , जनकल्याण एवं संस्कृतिक चेतना मंच , पुष्प वाटिका , पुण्य प्रवाह , संस्कृति के सारथी , हिन्दू क्रांति दल , उत्कल गौरव , सनातन संस्था , भक्तिशक्ति पीठ , देवभूमि , भारतीय विधार्थी परिषद , नीलांचल परिवार , लोकतंत्र सेनानी संघ व हिन्दू जागरण मंच इत्यादि समेत इन संस्थाओं के अनुसार यही प्रचार किया जाता है कि वे सब राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ से सम्बंधित हैं या आरएसएस के विचार से मेल खाती हुई संस्थाएं हैं I इस प्रकार जेहन में ये विचार कौंधता है कि आरएसएस का तो राष्ट्रव्यापी एजेंडा होता है और आरएसएस प्रधानमंत्री का अनुसरण करे ये भी उलटी बात प्रतीत होती है क्योंकि आरएसएस एक पेड़ की जड़ के समान है व भारत के प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति व बीजेपी के तमाम शीर्ष नेता आरएसएस के अनुशासन में शिक्षित हुए हैं व आरएसएस जैसे विशाल दरखत की पत्तियों की तरह हैं I ऐसे में ये कैसे हो सकता है कि संघ अपनी सभी संस्थाओं को निर्देश दे कि मोदी जी की बात के लिए गुरुग्राम जैसे एक शहर के लोकल मुद्दे के खिलाफ एक जुट हो जाओ I इसी बात की पुष्टि के लिए जब आरएसएस के प्रान्त कार्यवाह श्री पवन जिंदल से बात की तो उन्होंने इकोग्रीन के मुद्दे को संघ का मुद्दा कहने से साफ़ परहेज दिखाया व ये भी कहा कि उपरोक्त संस्थाओं व इकोग्रीन के विरोध में लगे किसी व्यक्ति का संघ से कोई लेना देना नहीं है व ना ही संघ अपने कार्यकर्ताओं को इस तरह के मुद्दों से सम्बन्ध रखने की अनुमति देता है I श्री पवन जिंदल से बात करके ये तो खुलासा हुआ कि इकोग्रीन गो बैक को आरएसएस के बैनर का अभियान बताना झूठ है व लोगों से समर्थन जुटाने के लिए इस प्रकार का भ्रम फैलाया जा रहा है I इसीलिए इस प्रकार के समूह पर ये कहावत फिट बैठती है कि संघे शक्ति कलियुगे यानि येन केन प्रकारेण से एकत्रित हो जाओ व इकोग्रीन गो बैक का नारा लगाओ ताकि इन तथाकथित नेताओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके I Post navigation टीजीटी इंग्लिश की भर्ती का रास्ता हुआ साफ: पैट्रोल डीजल की निरंतर बढ़ती कीमतों से जीना हुआ मुहाल : माईकल सैनी