ज्ञात-अज्ञात लोगों के लिए रखा मौन और किया भंडारा.
हुतात्मा की शांति के लिए हवन-यज्ञ कर दी श्रद्धाजंलि

फतह सिंह उजाला

पटौदी । पटौदी सब डिवीजन के हेलीमंडी-जाटौली क्षेत्र से चारधाम यात्रा पर गए लापता लोगों और उत्तराखंड त्रासदी की छठी बरसी के मौके पर पीड़ित परिजनों  ने हुतात्माओं की शांति के लिए बुधवार को हवन-यज्ञ करके अपनी श्रद्घाजंलि अर्पित की है। पहाड़ पर हुई जल प्रलय के ठीक 6 वर्ष के बाद  हेलीमंडी अनाजमंडी में लापता तीर्थ यात्रियों के चित्रों के सामने मोमबत्ती जलाकर उम्मीद को रोशन ही रखा गया।

बुधवार को बृज मोहन सिंगला के पुत्र पुरूषोत्तम सिंगला ने अपने पिता, माता और बेटी की आत्मा की शांति के लिए अनाजमंडी में लाॅक डाउन के चलते ंभंडारा में गरीबों सहित कामकाजी पल्लेदार-मजदूरों को भोजन वितरण किया। उत्तराखंड जल प्रलय के शिकार हुए लोगों के परिजनों को अपनों को खोने की पीड़ा तो आज भी साल रही है। यह एक ऐसी अनहोनी प्राकृतिक आपदा वाला हादसा था, जिसे कि पीड़ित परिजन दशकों तक चाह कर भी नहीं भूला सकेंगे।

हेलीमंडी-जाटौली से 19 यात्रियों में से अचानक उत्तराखंड में 15-16 जून 2013 की जल प्रलय में सभी अलग थलग होकर बिछड़ गए थे । 19 में से आज भी 15 यात्रियों बाल किशन, बृज मोहन, चंद्रकला, राम किशन शर्मा, राम किशन, रमेश, संतोष, शंकर, शांति, सोमलता, ऋषिता, संतोष, व्यवसायी रमेश गोयल के साथ पत्नी संतोष, बहन आशा, बहनोई अशोक, पत्नी की बहन शीला का 6 वर्ष के बाद कोई भेद नहीं लग पाया है।

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