नगर निगम गुरुग्राम का कूडा फर्रुखनगर में डाले जाने का विरोध.
नगर निगम का कचरां डाला गया तो देंगे धराना करेंगे प्रर्दशन.
सीएम के नाम सौंपा तहसीलदार कों प्रबुद्ध लोगों द्वारा ज्ञापन.
दो टूक गौचारे की भूमि पर कूड़ा नहीं डालने दिया जाएगा

फतह सिंह उजाला

पटौदी। नगर निगम गुरुग्राम के कमिश्नर विनय प्रताप सिंह द्वारा गुरुग्राम का कूडा फर्रुखनगर में अस्थाई तौर पर गौ चारे की भूमि 25 एकड़ में गिराये जाने के बयान के विरोध में क्षेत्र के लोग लामबद्ध होने लगे है। इसी कड़ी में बुधवार को पूर्व नगर पार्षद राव मामन सिंह की अध्यक्षता में क्षेत्र के गणमान्य लोगों की बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में  सभी वक्ताओं ने फर्रुखनगर सीमा क्षेत्र में बाहरी कूडा डाले जाने का विरोध किया और सर्वसम्मति से इस मामले की पैरवी के लिए 51 लोगों की कमेटी का गठन किया गया। नगरनिगम कमिश्नर के तुगलकी फरमान के खिलाफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर के नाम नायब तहसीलदार रणसिंह गौदारा को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी की एक सप्ताह में उनके कूडा डालने के निर्णय पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया तो क्षेत्रवासी रोड जाम, धरना प्रर्दशन, भूख हडताल के लिए मजबूर हो सकते है। किसी भी सूरत में फर्रुखनगर की गौचारे की भूमि पर कूडा कचरा नहीं डालने दिया जाएगा।

25 एकड़ भूमि गौचारे के लिए छोड़ी गई थी

इस मौके पर बीजेपी मंडल अध्यक्ष दौलतराम गुर्जर, पूर्व चेयरमैन हरिचंद सैनी, अधिवक्ता संदीप यादव, पूर्व नपा उपाध्यक्ष सुरेशचंद गुरावलिया, माया शर्मा, विजय गोयल, पूर्व नगर पार्षद नीरू शर्मा, पार्षद मुकेश सैनी, राव मामन सिंह पूर्व पार्षद, जय भगवान लम्बरदार, नंद किशोर यादव, सरपंच गोविंद यादव फाजिलपुर, सरपंच धर्मपाल चैधरी, कृष्ण पंडित पातली, सुनील यादव मौहम्मदपुर, समाजसेवी बाल किशन यादव फाजिलपुर आदि ने बताया कि चकबंदी के दौरान समय तत्कालीन बडे़ भू स्वामियों की भूमि में से सरकार द्वारा 25 एकड़ भूमि गौचारे के लिए छोड़ी गई थी। उक्त जमीन की देखरेख की जिम्मेवारी नपा को सौंपी गई थी। इस भूमि पर कॉलेज, खेल का मैदान, पार्क तथा गरीब लोगों को प्लाट आवंटन की मांग उठती रही। लेकिन सरकार ने गौ चारे का हवाला देकर उन सभी मांगों को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।

पटौदी , हाई कोर्ट चंडीगढ में मामला विचाराधीन

सरकार अब उसी गौचारे की जमीन में नगर निगम गुरुग्राम से निकलने वाले कूडे़ को डाले जाने के लिए कार्य प्रगित कर है जेसीबी, ट्रैक्टर ट्राली, श्रमिक कार्य पर लगे हुए है। जबकि इस भूमि पर नपा फर्रुखनगर द्वारा कूडा डालने के विरोध में पटौदी न्यायालय, हाई कोर्ट चंडीगढ में मामला विचाराधीन है। नपा सचिव के के यादव द्वारा कोर्ट में दिए हल्फनामें यह हवाला दिया गया कि गौ चारे की भूमि के 2 किलो मीटर में कोई आबादी नहीं है। गौचारे के लिए वह अलग से जगह दे देंगे। जबकि नपा के पास मुश्किल से 10 एकड़ भूमि भी नहीं है। वह भी आबादी क्षेत्र से सटी टुकडों में है। सचिव के हल्फनामे को आधार मान कर गुरुग्राम कोर्ट ने उक्त भूमि से स्टे आडर हटा लिए। इतना ही नहीं गौ चारे की भूमि के आसपास अनुसुचित जाति बस्ती चांदनगर ढ़ाणी 1962 में संयुक्त पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री चैधरी चांदराम ने बसाई थी, एक सरकारी एक गैर सरकारी स्कूल, दो गैस गौदाम, दो वेयर हाउस तथा दो दर्जन से अधिक छोटी बड़ी ढाणियां गौचारा भूमि के आसपास बसी हुई है।

बंधवाडी जैसे हालत फर्रुखनगर में भी होंगे

अगर इस भूमि पर गुरुग्राम या अन्य शहरों का कूडा करकट डाला जाता है तो बंधवाडी जैसी हालत फर्रुखनगर के लोगों की होगी। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के लोग तो विकास की बाट जौ रहे थे और सरकार उन्हे तौफे में नरकीय जीवन व्यतीत करने के लिए कूडे के ढेर देने जा रही है। क्षेत्र के लोग सरकार की इस हटधर्मी को बर्दास्त नहीं करेंगे और विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की इस समस्सा के समाधान के लिए सांसद राव इंद्रजीत सिंह, विधायक राकेश दौलताबाद के पास भी गुहार लगायेगें। उन्होंने बताया कि फर्रुखनगर में कूडे के अंबार लगे तो 10 किलो मीटर तक सीमा से स्टे सभी गांवों के लोग प्रभावित होंगे। किसी बड़ी बीमारी के पनपने भय बना रहेगा।

 इस अवसर पर पार्षद जसवंत सिंह, पूर्व पार्षद जय भगवान सैनी, देवदास दहिया प्रधान, संजू यादव मुबारिकपुर, ज्ञानचंद ताजनगर, पूर्व सरपंच राव ईश्वर सिंह फाजिलपुर बादली, राजेंद्र सिंह ताजनगर ईश्वर पहलवान पातली, अशोक सैनी, गौरी शंकर शर्मा, सतीस यादव, हिमांशु शर्मा, ज्ञान चंद प्रधान, खेमराम लम्बरदार,  पवन यादव, अधिवक्ता मनोज यादव, राव अशोक लाम्बा, नवीन कुमार, रवि यादव, राज कुमार, दीनदयाल , हरिराम, योगेश आदि मौजूद थे।