फरूखनगर में विरोध प्रदर्शन , हड़ताल और फूका पुतला पीएफ में गड़बड़ी करने सहित औजार नहीं देने का आरोप. सफाई कोरोना योद्धाओ ने सरकार के खिलाफ की नारेबाजी. फतह सिंह उजाला पटौदी । कुछ दिन पहले तक इनके ऊपर फूल बरस रहे थे, माला पहनाई जा रही थी, उपहार सहित राशन तक भी दिया जा रहा था। शासन-प्रशासन सहित हर खास और आम की आंख का तारा बन चुके थे। बात कर रहे हैं फर्रूखनगर पालिका में कार्यरत सफाई कोरोना योद्धाओं की। लेकिन जैसे ही अपने हक-हकूक की बात कही तो , यही सफाई कोरोना योद्धा आंखों में रड़कने शुरू हो गए। जब स्थानीय पालिका प्रशासन, शासन और प्रशासन ने भी इन सफाई कोरोना योद्धाओं की मांगो सहित कथित आर्थिक शोषण की तरफ ध्या नही नहीं दिया तो मजबूरी में सड़को पर उतरना पड़ गया। मंगलवार को लाॅकडाउन 5 के बाद अनलाॅक-1 के दौरान फर्रूखनगर के सफाई कोरोना योद्धाओं ने अपनी पूर्व चेतावनी के बाद में मोर्चा खोल दिया। यहां इन सफाई कोरोना योद्धाओं ने पूतला फंूकने से पहले शहर में विरोध प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों के समर्थन तथा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यह विरोध प्रदर्शन सफाई करोना योद्धा संघ के प्रधान सतीश सारवान, उप प्रधान सुरेंद्र सारवान, सचिव किशन सारवान , महिला विंग की प्रधान किरण, सफाई दरोगा किशन के नेतृत्व में और नगर पालिका संघ हरियाणा संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले किया गया। विरोध प्रदर्शनकारी सफाई कोरोना योद्धा अपने हाथों में कच्वे कर्मचारियों को पक्का करो, ठेकेदारी प्रथा बंद करो, डोर-टू-डोर सफाई कर्मियों की तनख्हा पूरी दो, हमारी मांगे पूरी करों जैसे नारे लिखे फलैक्स व पोस्टर लिये हुए थे। प्रदर्शनकारी अपने साथ में स्थानीय ठेकेदार सहित सरकार का पुतला भी लेकर बाजार सहित विभिन्न स्थानों से होकर गुजरे। कोरोना महामारी के दौरान जान हथेली पर रखकर गली-गली, घर-घर कूड़ा कचरा एकत्रित करने वाले सफाई कोरोना योद्धाओं ने यह सोचा भी नहीं होगा कि उन्हें अपने हक हकूक के लिए हड़ताल करने जैसा कठोर फैसला भी लेना पड़ेगा । फर्रुखनगर पालिका के सफाई करोना योद्धाओं ने अपनी मांगों को लेकर और अपने हक हकूक में की जा रही गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए । इतना ही नहीं इन सफाई कोरोना योद्धाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की । इन सफाई करोना योद्धाओं का आरोप है कि आउटसोर्सिंग पर लगाए गए कर्मचारियों के पीएफ खाते में ठेकेदार के द्वारा गंभीर प्रकार की गड़बड़ी की जा रही है। कोरोना जैसी महामारी के दौर में गली-गली घर-घर जाकर कूड़ा कचरा एकत्रित करने के लिए सफाई कोरोना योद्धाओं को सुरक्षा के दृष्टिगत जरूरी औजार भी उपलब्ध नहीं करवाए गए । जिस कारण इन सफाई कोरोना योद्धाओं पर हर समय खतरा मंडराता रहता है । हेलीमंडी पालिका में कार्य कर रहे सफाई करोना योद्धाओं को संबंधित ठेकेदार के द्वारा 12600 से अधिक मासिक का भुगतान किया जा रहा है । वही यही ठेकेदार फर्रुख नगर में सफाई कोरोना योद्धाओं को महज ₹8000 ही भुगतान मासिक दे रहा है । तमाम सफाई करोना योद्धाओं का कहना है कि उन्होंने संबंधित मामले में सरकार के प्रतिनिधियों के आदेश के अनुसार संबंधित लेटर भी दिखा दिए हैं। लेकिन न सुनवाई हो रही है न ही उनको उनका मेहनताना जो तय है उसका भुगतान किया जा रहा है। सफाई करोना योद्धाओं का दो टूक कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती हैं, वह अब इतने मजबूर हो चुके हैं कि हड़ताल उनकी मजबूरी बन गया है। फर्रुखनगर पालिका क्षेत्र में डोर टू डोर पहुंच कर कूड़ा कचरा एकत्रित करने वाले कर्मचारियों को सरकार अथवा शासन प्रशासन के द्वारा तय किए गए वेतन के मुकाबले बहुत कम भुगतान किया जा रहा है । इन लोगों का यह भी आरोप है कि जो ठेकेदार फर्रुखनगर क्षेत्र में है , वही ठेकेदार हेली मंडी में भी सफाई करोना योद्धाओं के द्वारा कार्य करवा रहा है । विरोध प्रदर्शन के दौरान सफाई करोना योद्धा संघ के प्रधान सतीश सारवान, उप प्रधान सुरेंद्र सारवान, सचिव किशन सारवान , महिला विंग की प्रधान किरण, सफाई दरोगा किशन सहित अनके कर्मचारी मौजूद रहे। Post navigation कोविड-19 को मजाक बनाकर रख दिया है – डाॅ. संदीप कटारिया फौजी बेटे ने भेजे पैसे, निकलवाकर लौटती मां की हादसे में मौत