सरकार जनता पर न डाले अनावश्यक बोझ:

 इनेलो प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट रजवन्त डहीनवाल ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि कर जनता के घावों पर नमक छिडक़ने का काम किया है। कोरोना महामारी के चलते जहां सभी कामधंधों पर बुरा असर पड़ा है, लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ रहा है व बेरोजगारी चरम पर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं लेकिन वहीं सरकार लगातार पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि कर जनता के साथ अन्याय कर रही है।

इनेलो प्रवक्ता ने कहा कि पिछले छह दिनों में पेट्रोल-3.31 व डीजल 3.42 रुपए प्रति लीटर महंगा हो चुका है, पिछले तीन महीने में तेल पर लगने वाला टैक्स 275 प्रतिशत हो गया है जो कि लगभग तीन गुणा बढ़ा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के कारण पेट्रोल-डीजल की बेसिक कीमतें 20 रुपए प्रति लीटर से भी कम हो गई है जिसके अनुसार पैट्रोल की बेसिक कीमत 18.28 रुपए प्रति लीटर और डीजल की 18.78 रुपए प्रति लीटर आंकी गई है।

इसका लाभ उपभोक्ताओं को देने की बजाय केंद्र और प्रादेशिक सरकारों ने करों में बढ़ौतरी करके अपना राजस्व बढ़ाने का काम किया है। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी। इससे पहले मार्च महीने में भारत सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर तीन रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। अब पेट्रोल पर भारत सरकार को 32.98 रुपए प्रति लीटर राजस्व आता है जिसे बेसिक कीमत से मिलाकर पेट्रोल की कीमत 51.26 रुपए बन जाती है।

प्रदेश की सरकारों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट कर लगाया हुआ है। हरियाणा में पेट्रोल पर 27.25 प्रतिशत वैट और डीजल पर 17.22 प्रतिशत वैट लगाया हुआ है जिससे हरियाणा में पेट्रोल की कीमत 71 रुपए प्रति लीटर व डीजल की कीमत 63 रुपए प्रति लीटर से भी अधिक है। जिस पेट्रोल की कीमत 18.28 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 18.78 रुपए है, उन पर करों का बोझ डालकर केंद्र व प्रादेशिक सरकार ने उपभोक्ताओं की कमर तोड़ दी है। इन बढ़ी हुई कीमतों से महंगाई और बढ़ेगी व आमजन का जीवन ज्यादा दूभर हो जाएगा।डहीनवाल कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार वृद्धि करके महंगाई में और बढ़ौतरी कर रही है जिससे आम जनता महंगाई की मार झेलने पर मजबूर है। अगर सरकार ऐसे ही तेल के दाम लगातार बढ़ाती रही तो वो दिन दूर नहीं जब लोग सरकार के खिलाफ सडक़ों पर उतरकर आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे।

इनेलो प्रवक्ता ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें घटने के बावजूद भी भाजपा की सरकार ने आम आदमी को राहत देने की बजाय उनकी जेबों पर डाका डालने का काम किया है।अगर सच मे ये सरकार जनहितकारी होती तो जनता पर अनावश्यक बोझ डालने का काम नही करती!