Haryana Chief Minister Mr. Manohar Lal addressing Digital Press Conference regarding preparedness to tackle Covid-19 in the State at Chandigarh on March 23, 2020.

प्रदेश की मनोहर सरकार ने अनलॉक-1 में किसानों पर फोकस कर दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि नहरी पानी पर सबका हक होगा। सरकार जमीनों का डाटा बैंक बना रही है। कितनी जमीन मालिक की है व कितनी काश्तकारों की, इसका पूरा रिकॉर्ड होगा। सरकार 17 हजार किसानों को किसान मित्र बनाएगी। उन्होंने कहा कि भूजल रिचार्जिंग के लिए एक हजार बोरवेल का निर्माण किया जाएगा।

इसकी शुरुआत रतिया, इस्माइलाबाद और गुहला खंडों से होगी। एक बोरवेल पर लगभग 1.5 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस योजना के तहत 90 प्रतिशत खर्च सरकार वहन करेगा। किसानों को केवल 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करना पड़ेगा। बोरवेल बनाने के बाद इसे किसानों को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि धान-बाहुल्य क्षेत्रों में भूजल स्तर 81 मीटर से नीचे चला गया है जोकि 10 साल पहले 40 से 50 मीटर हुआ करता था।

मेरा पानी, मेरी विरासत योजना को किसानों ने सराहा है। यह भावी पीढ़ियों के लिए भी लाभदायक है। औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ कृषि भी हमारी अर्थव्यवस्था का एक प्राथमिक क्षेत्र है। लगभग 17 लाख किसान परिवारों की सहायता और आर्थिक विकास सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिए योजनाएं बना रहे हैं।

विपक्षी पार्टियों ने अब तक किसानों को केवल राजनैतिक तौर पर इस्तेमाल करते हुए उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर किया है। हम किसानों को अपना मित्र और भाई मानते हैं, किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और सरकार की प्राथमिकता किसानों का हित और उनकी खुशहाली है।

मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का शुरू में विरोध हुआ। विपक्ष समेत कुछ लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं। किसान इस योजना की गंभीरता को समझते हुए स्वेच्छा से आगे आ रहे हैं। अब तक 58,421 हेक्टेयर क्षेत्र में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए लगभग 53 हजार किसान अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। बजट भाषण में धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य रखा गया था। किसान भी अब समझ गए हैं कि जमीन के साथ ही पानी की अपनी विरासत भावी पीढ़ी को देकर जाएं।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष को मेरा पानी मेरी विरासत योजना का विरोध करने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि रतिया, इस्माइलाबाद और गुहला खंड घग्गर नदी के निकट होने के कारण बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में आते हैं। इसलिए सरकार ने किसानों को कुछ छूट दी है। किसान यदि इस योजना के तहत स्वयं को पंजीकृत करते हैं तो उनका प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का प्रीमियम भी सरकार भरेगा। इसके अलावा, राज्य सरकार किसानों को बागवानी को अपनाने के लिए भी 30 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान राशि देगी।

मनोहर लाल ने कहा बेहतर जल प्रबंधन के चलते राजस्थान की सीमा से सटे दक्षिण हरियाणा के नांगल चौधरी, सतनाली व लोहारू जैसे क्षेत्रों में ऐसी-ऐसी टेलों तक पानी पहुंचाने में सफल रहे हैं, जहां पिछले 25-30 वर्षों से पानी नहीं पहुंचा था। उन्होंने कहा कि अब तक ऐसी 300 टेलों में से 293 टेलों में पानी पहुंचाया जा चुका है। पूरे नहरी तंत्र का जीर्णोद्धार तीन चरणों में किया जा रहा है।

पश्चिमी-यमुना नहर के जीर्णोद्धार पर लगभग 2200 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं और इसके दो चरणों का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि वर्ष 2022 तक तीन चरणों का कार्य पूरा किया कर दिया जाएगा। इसी प्रकार, लखवार, किशाऊ व रेणुका बांधों से भी हरियाणा को 47 प्रतिशत पानी मिलेगा और इस प्रकार हरियाणा की पानी की क्षमता 17500 क्यूसिक से बढ़कर 23,500 क्यूसिक हो जाएगी और इस तरह प्रदेश को 6000 क्यूसिक अतिरिक्त पानी मिलेगा। एसवाईएल का पानी भी लेकर रहेंगे।

तीन चीनी मिलों में लगाएंगे पेशेवर प्रबंधक गन्ना उत्पादक किसानों को भी समृद्ध बनाने के लिए प्रदेश की 11 सहकारी चीनी मिलों और तीन निजी चीनी मिलों की पिराई क्षमता चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2014 में सभी चीनी मिलों की पिराई क्षमता 24,800 टीसीडी थी, जो आने वाले वर्षों में बढ़कर 32,100 टीसीडी होगी। प्रदेश में चीनी मिलों में चीनी रिकवरी 10 प्रतिशत हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी मिलों का बेहतर प्रबंधन हो और यह लाभ में चलें, इसके लिए तीन चीनी मिलों के प्रबंध निदेशक आउटसोर्सिंग पर लगाए जाएंगे, जिन्हें इस क्षेत्र में अनुभव हो।

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