कूड़ा उठाने वाली विदेशी कम्पनी इकोग्रीन का अनुबंध निरस्त कराने की मांग को लेकर पहले पखवाड़े के अन्तिम दिन, मुख्यमंत्री को लिखे जाने वाले पञो का आंकड़ा दस हजार पार

गुरूग्राम: –  गुरुग्राम का कूड़ा उठाने वाली विदेशी कम्पनी इकोग्रीन का अनुबंध निरस्त कराने की मांग  को लेकर आत्मनिर्भर गुरूग्राम अभियान के  पहले पखवाड़े में दस हजार पञो का आंकड़ा पार हो गया है । सभी  सैक्टरो के साथ ही विभिन्न सोसायटी में भी घर घर जाकर पोस्टकार्ड़ लिखवाए गए।

आत्मनिर्भर गुरूग्राम अभियान के  प्रवक्ता राजीव मित्तल ने मीड़ीया को जानकारी  देते हुए बताया कि  विदेशी कंपनी इकोग्रीन के कूड़ा उठाने के अनुबंध को निरस्त करने की मांग को लेकर जारी आन्दोलन गति पकड़ता जा रहा है । जिसमें तीन दर्जन संगठनों के  विरोध पञो के साथ ही सूबे के मुख्यमंत्री माननीय मनोहरलाल खट्टर को दस हजार पोस्टकार्ड़ लिखाने का आंकड़ा आज पहले पखवाड़े के अन्तिम दिन पूरा हो चुका है।

अभियान के संयोजक  अजय सिंघल जी ने बताया कि विभिन्न कॉलोनियों मोहल्लों व सेक्टरों में पोस्टकार्ड लिखवाने की जिम्मेदारी  निभा रहे कोर टीम के सदस्य गिरीश सिंगला , श्रीप्रकाश राय, संजय सिंह,  दीपक जांघू, ललित कौशिक, ललित कौशिक हिंदुस्तानी, राम बहादुर सिंह के अथक प्रयासों से पहले पखवाड़े के इस चरण को पार किया गया। अभी तक 10,215 पञो को लिखा जा चुका है और दूसरे चरण में भी यह जारी रहेगा । आगामी तीन दिनों में सीनीयर हैंड़ ड़ाकघर को मीड़ीया की मौजूदगी में इन पोस्टकार्ड़ो को सौंपा जाएगा।  वही तीन दर्जन से अधिक  संगठनों के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री माननीय मनोहरलाल खट्टर को सम्बोधित पञो की प्रति सौंपी है।

आज संस्थाओं के प्रमुखों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर गुरुग्राम के संयोजक श्री अजय सिंहल ने कहा की यह गुरूग्राम के लोगों का  सहयोग है कि वह स्वदेशी और आत्मनिर्भर गुरूग्राम की मुहिम से  कंधे से कंधा मिलाकर साथ उठ खड़े हुए हैं । तीन दर्जन संगठनों के पदाधिकारियों समेत हजारों शहर के बुद्धिजीवी वर्ग और युवाओं ने मिलकर इस आन्दोलन में अपनी आहुति दी है। फेसबुक , टविटर और मेल के साथ ही विभिन्न सोशल माध्यमो से आन्दोलन की धार को और पैना किया जा रहा है।

अब तक कल 11 जून से 25 जून तक आन्दोलन का दूसरा  पखवाड़ा आरम्भ होगा जिसमें  प्रदर्शन,  ज्ञापन , सेमिनार और गौष्ठियो का आयोजन किया जाएगा तथा कोरोना संकट के चलते सभी आवश्यक मापदण्ड़ो को पूरा किया जाएगा। दस हजार से अधिक पोस्टकार्ड लिखवाने से महानगर में विरोध का माहौल बन रहा है । लोग इकोग्रीन के विरुद्ध गुस्से में है और गार्बेज टैक्स का बहिष्कार करने को तैयार है। क्योंकि यह विदेशी कम्पनी अनुबंधो के मापदण्ड़ो पर तो खरी उतर ही नहीं रही है और सरकार तथा जनता के करोड़ों रूपए अनर्गल स्वाहा किए जा रहे है।

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