आज 1 जून ,2020 को “माइग्रेंट वर्कर्स एसोसिएशन ( तैयारी कमेटी )  ने अखिल भारतीय स्तर पर मांग दिवस मनाने का आह्वान किया है और  एआईयूटीयूसी की अखिल भारतीय कमेटी ने इस कार्यक्रम को समर्थन दिया है। इस आह्वान पर जिला कमेटी ए आई यू टी यू सी गुडग़ांव ने प्रवासी मजदूरों को जल्द उनके घरों पर सुरक्षित पहुँचाने, पर्याप्त मात्रा में राशन व ₹8000 मासिक आर्थिक सहायता देने, जिन प्रवासी मजदूरों की मृत्यु हो गई उनके परिजनों को पांच-पांच लाख ₹ मुआवजा दिया जाने और लाक डाउन के बाद उनको काम की उपलब्धता सुनिश्चित की जाने की मांग की है।

श्रमिक संगठन के जिला सचिव कामरेड श्रवण कुमार ने कहा कि जिला में अलग अलग स्थानों पर प्रवासी श्रमिकों के साथ मिल कर प्रदर्शन किया। केंद्र और कई राज्य सरकारों द्वारा बहुत ही अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है।  उद्योगों और सेवा क्षेत्रों में काम करने वाले प्रवासी श्रमिकों को रोजगार से बाहर निकाल दिया गया है और उनके आवासों से बेदखल कर दिया गया और आकाश के नीचे अपने परिवार के सदस्यों के साथ भूखा मरने के लिए छोड़ दिया गया है।  वास्तव में, उन्हें गरिमा और शालीनता के साथ ‘जीने के अधिकार’ से वंचित किया गया है। देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी कामगारों को अब अपने घर लौटने के लिए ट्रेन का किराया देने के लिए मजबूर किया है, जबकि आर्थिक रूप से वे ऐसा करने की स्थिति में नहीं हैं।  हम मांग करते हैं कि केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों को उन श्रमिकों के ट्रेन किराये की भरपाई करनी चाहिए जिन्हें पहले से ही अपने यात्रा खर्च का भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया है।  सरकार को उन्हें अपने मूल स्थानों तक पहुंचने तक भोजन, पेयजल, दवाइयां और अन्य आवश्यकताएं मुफ्त प्रदान करना चाहिए। 

सयुंक्त सचिव निरंजन लाल ने कहा कि उनकी नौकरियों को सुरक्षित किया जाए और उन्हें लॉकडाउन अवधि की पूरी मजदूरी का भुगतान किया जाये । उनके लिए वित्तीय राहत की व्यवस्था की जानी चाहिए।  प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थानों पर पहुंचाने की परिवहन प्रक्रिया को सुगम बनाया जाना चाहिए ताकि किसी प्रकार की शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना का उन्हें शिकार ना होना पड़े।

कामरेड श्रवण कुमार ने घरेलू कुक, झाड़ू-पौचा करने वाली महिलाओं, पटरी-रेहड़ी लगाने वालों, चिनाई करने, दुकानों, होटल, ढ़ाबों में कार्य करने वालों और फैक्ट्री वर्करों, प्रवासी मजदूरों समेत असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिक जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी है, उन्हें ₹8,000 / – प्रति माह की वित्तीय राहत प्रदान की जानी चाहिए, जब तक कि वे अपना सामान्य काम शुरू नहीं कर पाते हैं।  सस्ता राशन, गैस व स्वास्थ्य सुरक्षा समेत बुनियादी सुविधाओं का प्रबन्ध करने और रोजगार उपलब्ध कराने की भी मांग की। कमलकांत, रमाकांत शर्मा, एम. एस. विश्वकर्मा, भोला जी, श्याम सुन्दर, सुमित, असलम, इम्तियाज, कासिम खान, मोहम्मद आदि अनेक कार्यकर्ताओं ने मांगे प्रदर्शित की।

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