सुरेश गांधी

अगर जिंदगी है तो ख्वाब है। ख्वाब है तो मुश्किलें हैं। मुश्किलें हैं तो हौसले हैं। हौसले हैं तो विश्वास है। यही विश्वास कोरोना से जीतने का मंत्र है। यह पंक्ति लाॅकडाउन के दौरान अलग-अलग मानसिक स्थिति से गुजर रहे लोगों में जज्बा पैदा की है। यानी नकारात्मकता को तिलाजंलि दें, अब लोगों में कोरोना के साथ जीते हुए आगे बढ़ने की सोच विकसित हुई है। इसी सोच व बदलाव के बीच लोगों ने तरीका भी बदला दी है। इसी बदलाव की कड़ी में जीवन की सबसे बड़ी खुशी शादी-विवाह के संस्कार भी बदल गए हैं। मंडप में सात फेरे अब सोशल डिस्टेसिंग, मास्क व सेनेटाइजर दुल्हन का 17वां श्रृंगार बन गया है

जी हां, भारत में सनातनी और वैदिक संस्कृति के अनुसार सोलह संस्कारों का बड़ा महत्व है। विवाह संस्कार उन्हीं में से एक है। इस अनमोल मौके पर वर पक्ष हो कन्या देानों तरफ खुशियां ही खुशियां होती है। चाहे वो दुल्हा-दुल्हन की साज-सज्जा हो या जयमाल व मंडप हो या अन्य रश्मे व बारातियों के स्वागत से लेकर खानपान का, सब अद्भूत व अनोखा होता है। लेकिन कोरोना के बाद से लोगों की जिंदगी में बदलाव के साथ-साथ शादी-विवाह के संस्कार भी बदल गए है। सात फेरे अब सोशल डिस्टेसिंग के तहत दो गज की दूरी में होंगे। दुल्हन के सोलहों श्रंगार के अलावा अब मास्क 17वां श्रृंगार होगा। मास्क लगाएं दुल्हा भी दुल्हन की मांग में सिंदूर उंगली से नहीं दो गज के स्टीक से भरेगा। अब बारातियों की फौज नहीं बल्कि वर-वधू पक्ष के सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो पायेंगे। यानी दोस्त-यार तो छोड़िएं अब जीजा, जीजी, फुआ-फूफा, मौसी-मौसा, मामा-मामी में किसको छांटा जाय और किसे शामिल, इसके लिए पहले से माथापच्ची करनी होगी। हफ्तो-महीने पहले से जुटने वाली रिश्तेदारों की धमाचैकड़ी की जगह सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक शादी के दिन आएंगे और खत्म होते ही जुदा हो जाएंगे। खास बात यह है कि हाल के दिनों में होने वाली शादियों में यह सब होने भी लगा है।

हाल ही में हुई नम्रता व संयोग की शादी में अतीत, वर्तमान और भविष्यकाल की तैयारियां देखने को मिली। मतलब साफ है कोरोनाकाल में सबकुछ बदला-बदला नजर आयेगा। अब शादियां इन्हीं मानकों पर होंगी। पंडित जी भी दो गज की दूरी से ही विवाह की रस्मों में सबसे अहम् सात फेरों के मंत्र पढ़ेंगे। जयमाल स्टेज पर दुल्हा-दुल्हन के अलावा कोई नहीं होगा। ग्रूंिपंग फोटोसेशन नहीं हो पायेगा। घोड़ी पर सवार दुल्हें के आगे चलने वाले लोग अब डीजे की धून पर नहीं थिरक पायेंगे। कैटर्रस हो या वेडिंग हाल के मैनेजर सबके सब अब अपनी प्लानिंग व डेकोरेट भी लोगों की सुरक्षा को देखते हुए ही तैयार करने में जुट गए है। उनका कहना है कि उनका पैकेज कम बजट वाला होगा। शादी का अपना एक अलग ही माहौल एवं संगीत होता है। शादी की तैयारियों में पूरा घर एवं नजदीकी रिश्तेदार जुटे होते हैं। शादी के खास मौके तथा अन्य रस्मों पर क्या पहना जाए, कौन-सा हेयर स्टाइल बनाया जाए, बारातियों से तथा जीजा से कौन सी शरारत की जाए या लड़की वालों की शरारत का कैसे जवाब दिया जाए, जहां किशोरों में बहस हो रही होती है, तो अब इनके जुटान नहीं होने से ये सब नहीं होंगे। बारातियों का स्वागत भी सोशल डिस्टेसिंग में और गेट पर थर्मल स्क्रिनिंग से होगा।

अब शादियों में शामिल हर बराती के मुंह पर मास्क व हाथ में सैनिटाइजर जरूरी होगा। शादी का मंडप, वेडिंग हॉल भी पूरी तरह सेनेटाइज होगा। वेडिंग गिफ्ट भी सेअेनाइज्ड होगा। शादी के दौरान डिजिटल टेलीकास्ट होगा ,जिससे परिवार के लोग देख सकेंगे। फोटोग्राफी के लिए अलग से उसकी व्यवस्था की जाएगी। पकवान के स्टाल भी दो गज की दूरी लगेंगे। गोले में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करना होगा। पहले लोगों को आकर्षक डिजाइनदार इनविटेशन को भेजना शौक था। इसे महीनों पहले पिं्रट कराए जाते थे। अब 50 लोगों की बाध्यता के चलते कोई भी महंगे कार्ड पिं्रट नहीं कराना चाहेगा। खर्च में कमी करते हुए आॅनलाइन निमंत्रण पत्र तैयार कर भेंजें। ब्राइडल मेकअप आर्टिस्ट, फोटोग्राफर एवं सजावट पर होने वाले खर्च में भी कटौती करते हुए सीमित रखा जायेगा। दो गज की पर लगेंगे फूड व चाट स्टाल लगेंगे। बता दें, कोरोना की वजह से कई लोगों की शादी टल गई है। कई परिवार असमंजस में है कि नए गाइडलाइन के तहत अब शादी को कैसे पूरा कराया जाए। यही वजह है कि इससे संबंधित कारोबारी भ्ज्ञी अलग तरीके का पैकेज बना रहे है।

फूड सहित अन्य चीजों के बजट को दोबारा तैयार किया गया है। शादी में पहुंचाने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग, फूड काउंटर, शादी में इस्तेमाल होने वाली हर चीज का सैनिटाइज आदि का खास ख्याल रखा गया है। वेडिंग हाॅल व कैटरिंग से लेकर साज-सज्जा के व्यवसायी रवीन्द्र बताते है कि कोरोना की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए उन्होंने नए तरीके से शादी के पैकेज व मैन्यू तैयार किया है। नए पैकेज में सैनिटाइजेशन से लेकर थर्मल स्क्रीन की सुविधा उपलब्ध है। उनका कहना है कि जो इवेंट प्लैनिंग पहले तीन-चार लाख से शुरू होती थी अब एक लाख में ही तैयार किया गया है। जून में होने वाली शादियां कुछ इसी अंदाज में होगी। वेडिंग हाल में स्क्रीनिंग के बाद ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही आने वाले हर व्यक्ति के हाथों को सेटेनाइज्ड किया जायेगा। स्वागत के बाद सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन किया जायेगा। मेहमानों को बैठने की व्यवस्था दो गज दूरी पर ही की जायेगी। दोपहर 3ः00 बजे शाम से रात के 10ः30 बजे तक सारे कार्यक्रम पूरे कर लिए जायेंगे। दूल्हा दुल्हन का जयमाला, कन्यादान सहित शादी के सारे रस्म या संस्कार समय पर ही पूरा किया जायेगा।

शर्तो पर होंगी शादियां

गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक अब शादी की इजाजत कुछ शर्तों के साथ दी गई है। शर्त यह है कि शादी समारोह में 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो पाएंगे। यानी वर पक्ष और वधु पक्ष दोनों की तरफ से कुल 50 लोग ही शादी का लुत्फ उठा पाएंगे। लगता है अब लोगों को शादी करने के लिए नई दिशा मिलेगी। लॉकडाउन में जहां शादी पर कम खर्च की संभावना नजर आई है, वहीं खरीददारी करने के लिए बाजार भी नहीं जाना पड़ता है, इससे लोगों की सोच बदलेगी।

वर्चअल मैरिज

दरअसल लॉकडाउन के बीच बड़ी संख्या में लोगों ने ऑनलाइन विवाह किया। इसमें मेहंदी, संगीत सभी रस्में ऑनलाइन की गईं। लोगों को ऑनलाइन ही आमंत्रित किया गया। शादी कराने वाले पंडित ने भी ऑनलाइन मंत्रों का उच्चारण किया। लॉकडाउन के नियमों को न तोड़ा जाए, इसके लिए ऑनलाइन शादी रचाई गई। इस सर्विस के तहत सभी मेहमान ऑनलाइन शामिल हुए और फेरे भी ऑनलाइन ही लिए गए। इतना ही नहीं इस शादी में ढोल-नगाड़े की भी ऑनलाइन व्यवस्था की गई थी। यूं कहें तो यह शादी बिल्कुल अन्य शादियों की तरह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए संपन्न कराई गई। दरअसल, शादी डाट काम ने वेडिग फ्राम होम सर्विस लांच की है। इस सर्विस के तहत सभी मेहमान आॅनलाइन शामिल होते है। इसमें ढोल-नगाड़े व डीजे की भी व्यवस्था है। इसे वर्चुअल मैरीज भी कहा जाता है। अब तक सैकड़ों जोड़ो ने इस सिस्टम से विवाह कर चुके है।

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