हर्षित सैनीरोहतक 25 मई। आने वाला समय डिजिटल टीचिंग-लर्निंग का है। आज कनीक और ज्ञान के साथ सामंजस्य बैठा कर डिजिटल एजुकेशन की दिशा में आगे कदम बढ़ाने की जरूरत है। यह उद्गार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने चौ. रणबीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल एंड इकोनिक चेंज के तत्वावधान में फैकल्टी ऑफ मैनजमेंट तथा फैकल्टी ऑफ कामर्स के शोधार्थियों के लिए संचालित-शोध प्रविधि ऑनलाइन कार्यशाला के समापनसत्र में बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। प्रो. राजबीर सिंह ने अपने प्ररेणादायी संबोधन में आज के युग में डिजीटल एजुकेशन के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस ऑनलाइन शोध कार्यशाला के आयोजन के लिए बधाई दी तथा कार्यशाला में शामिल शोधार्थियों को शुभकामनाएं दी। प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि इस तरह की ऑनलाइन कार्यशालाएं वर्तमान समय की जरूरत हैं और बेहद उपयोगी हैं। एसजीटी यूनिवर्सिटी, गुरूग्राम के पूर्व कुलपति तथा इमसॉर के पूर्व निदेशक प्रो. दलीप सिंह ने बतौर की-नोट स्पीकर समापन सत्र में शिरकत की। प्रो. दलीप सिंह ने अपने संबोधन में रिसर्च हाइपोथिसिस राइटिंग की प्रक्रिया और कार्यप्रणाली बारे महत्त्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंनेगुणवत्तापरक शोध के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। इससे पूर्व फैकल्टी ऑफ मैनजमेंट के डीन तथा इमसॉर के निदेशक प्रो.राजकुमार ने स्वागत भाषण दिया तथा इस कार्यशाला की रूपरेखा बारे जानकारीदी। प्राध्यापिका डा. सीमा राठी ने कार्यशाला की प्रोग्रैस रिपोर्ट प्रस्तुत की। डा. जगदीप सिंगला तथा प्रतिभागी शोधार्थियों ने फीडबैकप्रस्तुत की। प्राध्यापिका डा. सीमा सिंह ने कार्यक्रम का समन्वयन किया तथा आभार प्रदर्शन किया। इस सात दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला में फैकल्टी ऑफ मैनजमेंट तथा फैकल्टी ऑफ कामर्स के प्राध्यापक तथा शोधार्थी शामिल हुए। Post navigation जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जारी किया अदालतों का नया शैडयूल मोदी सरकार की एक साल की उपलब्धियां पहुंचाई जाएंगी जन जन तक-बराला