दादा गौतम के सम्मान में जयहिन्द है मैदान में

मंत्री जी की गर्दन में लोहे का सरिया नहीं गाटर है – जयहिन्द

परशुराम जयंती पर सबसे पहला न्यौता दादा गौतम को दें – जयहिन्द

मैं यमराज से नहीं डरता, तो सरकार ओर सिस्टम से क्या डरूंगा – जयहिन्द

मैं चार–चार मुख्यमंत्रियों से लड़ा हु, मुझे डराने की कोशिश ना करे – जयहिन्द

रौनक शर्मा

रोहतक (20 मार्च) / विधायक दादा राम कुमार गौतम और मंत्री अरविंद शर्मा द्वारा हरियाणा विधानसभा व समाज में फैलाए गोबर विवाद पर नवीन जयहिन्द ने तीन दिन पहले प्रेसवार्ता कर मंत्री अरविंद शर्मा को 72 घंटों का समय दिया था कि वे दादा राम कुमार गौतम से पैर पकड़ कर व समाज में लेटकर माफी मांगे, लेकिन 100 घंटे पूरे होने पर भी अरविंद शर्मा ने माफी नहीं मांगी। इस पर जयहिन्द ने वीरवार 20 मार्च को प्रेसवार्ता कर कहा कि क्या मंत्री अरविंद शर्मा की गर्दन में लोहे के सरिए की जगह गाटर है? जो 80 वर्षीय बुजुर्ग विधायक से माफी मांगने में उन्हें शर्म आ रही है। जयहिन्द ने कहा कि जब बात समाज पर आए तो बोलना चाहिए, सिर्फ कायर लोग ही चुप रहते है और समाज कभी भी घमंडी आदमी को नहीं छोड़ता।

प्रेसवार्ता के दौरान ही पुलिसकर्मी तम्बू हटाने का नोटिस लेकर जयहिन्द के पास पहुंचे और जयहिन्द ने कहा अगर तम्बू से इतनी परेशानी है तो तुरन्त तम्बू गिरा दिया व उसे जला दिया। जयहिन्द ने कहा कि मैं यमराज से नहीं डरता और चार–चार मुख्यमंत्रियों से लड़ा हूं, तो मुझे डराने की कोशिश ना करें।

मंत्री जी ने माफी मांगने के इलावा एक नया काम शुरू किया की अपने 100 लोगो को कहा जयहिन्द के खिलाफ वीडियो बनाओ, जयहिन्द से कहो कि माफी मांगे। जयहिन्द ने कहा जो लोग मेरे खिलाफ वीडियो बना रहे अगर उनके बाप-दादा के साथ इस तरह का वाक्य होता तो क्या वे फिर भी ऐसा करते। जयहिन्द का कहना है कि अगर मंत्री अरविंद शर्मा जी यह चाहते है कि पहले जयहिन्द मंत्री जी से माफी मांगे फिर मंत्री जी दादा गौतम जी से माफी मांगेगे तो मैं इसके लिए भी तैयार हूं।

अगर लोग जयहिन्द को गली देना चाहते है तो खुल कर दें लेकिन दादा गौतम जी के मान सम्मान के समझौता नहीं किया जाएगा। साथ ही जयहिन्द ने कहा कि मैं भी असली ब्राह्मण नहीं जो कभी आपके द्वार पर कोई काम लेकर आ जाऊ। जब आप समाज में अपने बड़ों का सम्मान नहीं कर सकते तो यह पद–प्रतिष्ठा आपके किसी काम के नहीं मंत्री जी।

जयहिन्द ने सभी युवाओं से अपील करते हुए कहा कि आगे भगवान परशुराम जयंती आ रही है तो सभी परशुराम जयंती का सबसे पहला न्यौता दादा राम कुमार गौतम को देकर आए। ओर भंडारों में खीर–हलवा बनवाए।

जयहिन्द ने समाज के लिए फरसे उठाने व समाज को जागरूक करने के लिए माफी मांगी, पहरावर की जमीन के लिए लड़ने के लिए, जब वामन मेश्राम ब्राह्मणों को विदेशी बता रहा था व ब्राह्मण भारत छोड़ो के नारों के खिलाफ फरसे उठाने के लिए माफी मांगी। जब मंत्री जी को बेइज्जत करके स्टेज से नीचे उतारा गया तो हमने उनकी आवाज उठाई, जब ब्राह्मणों की गर्दन काटने की बात कही गई तब मैने आवाज उठाई, यह मेरी ही गलती थी कि मैने आवाज उठाई? जब ब्राह्मणों की लड़की को अपशगुन बताया गया तब हम बोले, कश्मीरी पंडितों की आवाज उठाना हमारी गलती है? 35 बिरादरी के लाखों बुजुर्गों की पेंशन के लिए मै लड़ा, 25 हजार बच्चों की नौकरियों के लिए मै लड़ा, सरपंचों व कर्मचारियों के साथ लठ खाए यह सब मेरी बहुत बड़ी गलती है? जयहिन्द ने कहा कि मुझे खुद नहीं पता था कि मैने इतनी बड़ी–बड़ी गलतियां की हुई है। अगर आपको लगता है कि ये सब काम करके जयहिन्द ने गलती की है तो जयहिन्द आप सब से माफी मांगता है।

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