रौनक शर्मा

रोहतक, 16 मार्च: हरियाणा विधानसभा में विधायक दादा राम कुमार गौतम और मंत्री अरविंद शर्मा के बीच हुए ‘गोबर विवाद’ पर राजनीति गरमा गई है। इस मुद्दे को लेकर समाज में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में नवीन जयहिन्द ने प्रेसवार्ता कर इस प्रकरण को विधानसभा का अपमान और 80 वर्षीय विधायक दादा गौतम का ‘चीर हरण’ करार दिया।
“मंत्री अरविंद शर्मा सार्वजनिक रूप से मांफी मांगे” – जयहिन्द
नवीन जयहिन्द ने कहा कि यह मामला केवल विधानसभा तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक सम्मान से जुड़ा है। उन्होंने मंत्री अरविंद शर्मा को 2-3 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि वे विधानसभा में दादा गौतम के पैर पकड़कर माफी मांगे और समाज के सामने नतमस्तक होकर सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करें।
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर भी सवाल उठाते हुए कहा, “अध्यक्ष महोदय, जब मंत्री ने बुजुर्ग विधायक का अपमान किया, तो आप हंस रहे थे। यह न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि पूरी विधानसभा का अपमान है। आपको भी सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।”
“ब्राह्मण खीर खाने वाले और फरसा उठाने वाले हैं, गोबर खाने वाले नहीं”
नवीन जयहिन्द ने इस पूरे विवाद को ब्राह्मण समाज के सम्मान से जोड़ते हुए कहा,
“हम ब्राह्मण खीर खाने वाले और जरूरत पड़ने पर फरसा उठाने वाले हैं। हम भोलेनाथ, परशुराम, चाणक्य, चंद्रशेखर आजाद, मंगल पांडे को मानने वाले लोग हैं। हम गोबर खाने वाले नहीं हैं।”
उन्होंने समाज के युवाओं से अपील करते हुए कहा कि आगामी परशुराम जयंती पर सभी जगह खीर-हलवा का भंडारा कराया जाए और परशुराम की परंपरा के अनुरूप समाज का अपमान करने वालों का जवाब दिया जाए।
“ब्राह्मणों का अपमान करने वाले मंत्री कहां थे?”
नवीन जयहिन्द ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब:
- पहरावर की जमीन पर परशुराम जयंती का टेंट गिराया गया था, तब अरविंद शर्मा कहां थे?
- ब्राह्मणों को ‘काला ब्राह्मण’ कहा गया, ‘ब्राह्मण भारत छोड़ो’ का नारा दिया गया, तब मंत्री चुप क्यों थे?
- वामन मेश्राम ने ब्राह्मण समाज को अपशब्द कहे, तब अरविंद शर्मा ने आवाज क्यों नहीं उठाई?
उन्होंने कहा कि अगर किसी को गोबर खाने की बात कही जाती है, तो यह पूरे समाज का अपमान है, न कि किसी एक व्यक्ति का।
“परशुराम जयंती पर होगा फैसला”
नवीन जयहिन्द ने कहा कि परशुराम जयंती पर समाज तय करेगा कि अपमान करने वालों का क्या जवाब दिया जाए। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस अवसर पर खीर-हलवा के भंडारे करें और ब्राह्मण समाज की शक्ति को संगठित करें।
“सरकार से लड़े हैं, लेकिन सम्मान से समझौता नहीं करेंगे”
उन्होंने कहा कि हमने सरकार से बीपीएल कार्डों, दलितों के हक, खिलाड़ियों के खेल कोटे और अन्य सामाजिक मुद्दों पर लड़ाई लड़ी है। लेकिन अब समय आ गया है कि समाज का मजाक उड़ाने वालों को उनकी हद में रखा जाए।
“हर हाल में लेनी होगी माफी”
अंत में जयहिन्द ने कहा कि अरविंद शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष को हर हाल में सार्वजनिक माफी मांगनी होगी। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो समाज इसका उचित जवाब देगा।
(यह खबर सामाजिक और राजनीतिक रूप से चर्चित ‘गोबर विवाद’ पर नवीन जयहिन्द के बयानों को लेकर है। आगे देखना होगा कि मंत्री अरविंद शर्मा और सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।)