जिला बार एसोसिएशन गुरुग्राम के पूर्व प्रधान चौधरी संतोख सिंह अधिवक्ता ने बताया कि आज देश में कामगार एवं श्रमिक तथा उनका परिवार महासंकट में है। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते 24 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन है।लॉकडाउन के कारण सभी के काम धन्धे बंद हैं तथा आय के कोई साधन नहीं है। काम धन्धे बंद होने तथा आय के कोई साधन न होने के कारण ग़रीब मज़दूर का जीवन दूभर हो गया है । उनके पास जो जमापूंजी थी वह भी ख़र्च हो चुकी है। बढ़ते आर्थिक संकट के कारण मज़दूर अपने घरों को लौटने के लिए मजबूर हो गए हैं।घरों को लौट रहे मज़दूरों की जो तस्वीरें सामने आ रही है वह दिल दहला देने वाली है।मज़दूरों को खाने के लाले पड़ गए हैं।बच्चे बुज़ुर्ग तथा महिलाएँ भूख प्यास से बिलबिला रहे हैं । पूरे देश में प्रवासी कामगार एवं श्रमिक अपने परिवार के सदस्यों बच्चों महिलाओं एवं बुजुर्गों के साथ पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का रास्ता तय करके अपने घरों की तरफ़ जा रहे हैं।उनको अपना सामान बेचकर और ज़्यादा पैसे देकर मजबूरी में घर जाना पड़ रहा है।सड़क दुर्घटनाओं में सैकड़ों व्यक्तियों की जान जा चुकी है।प्रवासी कामगार एवं मज़दूरों को उनके घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी सरल बनायी जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से माँग की कि प्रवासी कामगार श्रमिकों एवं उनके परिवारों को सुरक्षित उनके घर पर पहुंचाया जाए तथा दूसरे राज्यों में भी जो लोग रह रहे हैं और अपने राज्य में वापस आना चाहते हैं उनको भी परिवार सहित सुरक्षित घर लाने का इंतज़ाम किया जाए। Post navigation आत्म निर्भर भारत की ओर बढते हरियाणा के कदम: सुदेश कटारिया वरिष्ठ पत्रकार अमित नेहरा ने कोरोना पर लिखी दूसरी पुस्तक