-सीहमा में बीच रास्ते भरा कीचड़, ग्रामीणों का निकलना हुआ दुभर अशोक कुमार कौशिक नारनौल। खंड सीहमा के सबसे बड़े दोपालका व वाल्मीकि मोहल्ले में बीच रास्ते गंदा पानी व कीचड़ भरा होने से ग्रामीणों का निकलना दुर्भर हो रहा है। समस्या को लेकर शुक्रवार सुबह मोहल्ले की औरतों और पुरुषों ने पंचायत का विकास कार्यो में भेदभाव को लेकर विरोध जताया। पूर्व सरपंच चंद्रकला, निर्मला, कृष्णा, सोना, संतरा, बीरमति, मास्टर कुलदीप, देवदत्त, महावीर जांगिड़, बिरेंद्र, आशु, सुरेंद्र आदि ने बताया कि दोपालका मोहल्ला व वाल्मीकि बस्ती को जाने वाले गांव के मुख्य रास्ते के बीच में नालिया टूटी पड़ी है वही रास्ते में पानी व कीचड़ भरा रहता है जिसके चलते कई बार बुजुर्ग महिलाए, बच्चे कीचड़ में गिर चुके है। कीचड़ में दिनभर बदबू मारती है और मच्छर भी पनप रहे है जिसके कारण मलेरिया फैलने का अंदेशा है। समस्या के समाधान बारे कई बार सरपंच को मौका दिखाकर अवगत कराया जा चुका है लेकिन समस्या 5 साल से जस की तस है। उन्होंने इसकी शिकायत बीडीपीओं को भी की थी लेकिन कोई समाधान अब तक नही हुआ। पंचायत के सफाई कर्मचारियों पर भी कार्य में भेदभाव व मनमर्जी करने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया। क्या कहना है सरपंच सीहमा का -हरनाम सिंह ने बताया कि समस्या सही है लेकिन उसी मोहल्ले के कुछ लोग सड़क निर्माण में अड़चन डाल रहे है। गत दिनों पंचायत ने समस्या समाधान के लिए टाइल-मिट्टी रास्ते पर गिरानी चाही तो एक दबंग व्यकित ने उन्हें रोक दिया। दबंगों ने पक्की नालियों पर घर के आगे पक्की स्लैब बनाकर नालियों को बंद करके पानी रोका हुआ है। क्या कहना है सीहमा बीडीपीओं का -बीडीपीओं देशबंधु ने बताया कि उनके ध्यान में यह समस्या नही आई है। ग्रामीणों की शिकायत मिलते ही पंचायत से समाधान करा दिया जाएगा। Post navigation थाने में जब्त शराब तस्कर को बेचने के मामले में जांच के लिए एसआइटी गठित जिला शिक्षा अधिकारी ने कोरोना को हराने में योगदान करने के लिए जेआरसी काउंसलर्स को किया सम्मानित