15 मई 2020,  हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा देश की 48 करोड वर्किंग फोर्स, किसान, मजदूर, गरीब, आदिवासी कोविड-19 संकट व लोक डाउन से उत्पन्न आर्थिक संकट से त्रस्त हैं1 ऐसी स्थिति में प्रभावित लोगों की आर्थिक मदद करने बजाय भाजपा-संघी सरकार जुमलों की बारिश से लोगों को राहत का पैकेज देकर उनके साथ क्रूर मजाक करके उनकी तकलीफों का भी मजाक बना रही है1

विद्रोही ने कहा किसान, मजदूर, गरीब की जेब में एक पैसा डालने बिना ही जुमलों से लोगों को हवा-हवाई आर्थिक पैकेज दिया जा रहा है1 वस्तुत मोदी-भाजपा सरकार के आर्थिक पैकेज के बारे में यही कहा जा सकता है “खोदा पहाड़ निकली चुहिया” वह भी मरी हुई, सड़ी हुई1 मोदी जी के आर्थिक पैकेज का यही लबोलबाब है कर्ज लो, काम करो, फिर कर्ज चुकाओ और मोदी सरकार के गुण गाओ1 मोदी सरकार का रवैया बताता है जिस तरह रेल के डिब्बे मे लिखा होता है सवारी अपने समान की रखवाली की खुद जिम्मेदार हैं उसी तरह सरकार का साफ संदेश है कोविड संकट, लोकडाउन में आ रही परेशानियों से निपटने की जिम्मेदारी लोगों के खुद की1 अर्थात सरकार के अनुसार लोग खुद इस संकट का सामना करें सरकार से किसी तरह की आर्थिक सहायता की आशा न करें1

 विद्रोही ने कहा कि सरकार का यह रवैया घोर जनविरोधी व अपनी जवाबदेही से भागने वाला है1 सरकार अपनी जवाबदेही से भाग ही नहीं रही अपितु महाझूठ पेलकर लोगों को ठग भी रही है1 गुरुवार को कथित आर्थिक पैकेज-2 का ऐलान करने वाली प्रेस कान्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने गरीबों, देशभर में विभिन्न शेल्टर होमो मे शरण लेने वाले गरीबों और प्रवासी मजदूरों को डेढ़ माह से एक दिन में तीन बार भोजन करवाया1 वित्त मंत्री का यह दावा हरियाणा के जमीनी धरातल पर तो महाझूठा दावा है1

  विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से पूछा यदि केंद्र सरकार ने गरीबों, प्रवासी मजदूरों, जरुरतमंदो को एक दिन में तीन बार खाना देने की व्यवस्था की थी तो गरीबों को भोजन खिलाने के नाम पर केंद्र से आया पैसा किसने हरियाणा में हड़पा1 भाजपा सरकार ने प्रदेश में कहीं भी गरीबों को शेल्टर होमस में रहने वाले लोगों को एक़ दिन में तीन बार भोजन देना तो बहुत दूर भोजन के नाम पर एक रोटी भी नहीं दी1 प्रदेश में हर जगह भोजन की रूखी सूखी जैसी व्यवस्था संभव थी वह धार्मिक-सामाजिक संगठनों, मंदिरों, गुरुद्वारों व आमजनों ने की1 जब हरियाणा में सरकार-प्रशासन ने एक पैसा भी भोजन के नाम पर कहीं भी खर्च नहीं किया तो निर्मला सीतारमन के दावे अनुसार दिन में तीन दफा भोजन देने के एवज में केंद्र सरकार के दिए पैसे का कौन खा गया?

विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटर से पूछा उस पैसे को आप खुद हड़प गए या आपक़े मंत्री या अफसर या भाजपाई-संघी नेता हड़प गए यह तो आपको बताना ही होगा1 या निर्मला सीतारमन को ऐसा झूठ बोलने के लिए माफी मांगनी चाहिए1              

प्रदेश भर में गरीबों को भोजन खिलाने वाले धार्मिक, सामाजिक संगठनों, मंदिरों, गुरुद्वारों के प्रबंधकों से भी विद्रोही ने पूछा जब उनकी निस्वार्थ की गई सेवा का श्रेय भी संघी सरकार लूट रही है व उनके पैसे से भोजन की व्यवस्था को अपना भोजन बताकर उसमें खर्च हुए पैसे को भी हड़पकर भ्रष्टाचार भी कर रही है तो गरीबों, प्रवासी मजदूरों, जरुरतमंदो को भोजन देने की उनकी निस्वार्थ सेवा का औचित्य ही क्या रह गया?

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