13 मई 2020, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि अक्टूबर 2014 से हरियाणा की सत्ता भाजपा के हाथों में आते ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था खोखली होती चली गई और विगत 5 वर्षों में कर्ज की उधारी पर चल रही अर्थव्यवस्था को कोविड-19 संकट ने पटरी से उतारकर खोखली अर्थव्यवस्था की पोल खोलकर रख दी1

विद्रोही ने कहा कि 28 फरवरी 2020 को विधानसभा सदन में उछल-उछलकर मजबूत अर्थव्यवस्था का दम्भ भरने वाले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से यह तो सवाल पूछा ही जाएगा कि मात्र ढाई माह में ऐसा क्या हो गया कि अचानक हरियाणा सरकार का कथित रूप से लबालब भरा खजाना खाली हो गया और प्रदेश कंगाल हो गया1 कोविड-19 संकट आते ही मुख्यमंत्री खट्टर जी ने पैसों की कमी का रोना रोना प्रारंभ कर दिया था और विगत एक माह में ही प्रदेश सरकार ने दो बार में 5000 करोड रुपए का कर्ज ले चुकी और 2000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की तैयारी में है1 वहीं केंद्र सरकार ने भी इस दौरान कोविड-19 सहायता नाम पर हरियाणा को 1500 करोड़ रुपए दिया1 जुलाई माह तक भाजपा खट्टर सरकार लगभग 20000 करोड़ रुपए कर्ज ले चुकी होगी1

विद्रोही ने कहा कि यह स्थिति रातों-रात पैदा नहीं हुई1 अपितु 26 अक्टूबर-2014 से ही सत्ता संभालते ही सत्ता मद में चूर भाजपा सरकार के कुप्रबंधन व कुनीतियो ने प्रदेश को कर्ज के कुचक्र में फंसाकर उधारी पर अर्थव्यवस्था को चलाने की तरफ धकेलकर अंदर से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर चुकी थी1 जो कोविड-19 संकट मे भरभराकर गिर गई1 जब मनोहर लाल खट्टर अक्टूबर 2014 में हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तब प्र्रदेश पर कुल कर्ज 60000 करोड़ रुपए था जो फरवरी 2020 में बढक़र 1.98 लाख करोड़ रूपए हो गया1 भाजपा सरकार ने विगत 5 वर्षों में 1.38 लाख करोड़ रूपए का कर्ज लेकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर दिया1 जबकि विगत 5 सालों में प्रदेश में विकास का कोई भी बड़ा प्रोजेक्ट भाजपा सरकार ने नहीं बनाया1 फिर इतना ज्यादा कर्ज किसलिए लिया, कहां गया सरकार बताने को तैयार नहीं1

विद्रोही ने कहा कटु सत्य यह है कि संघीयो के वित्तीय कुप्रबंधन व भ्रष्टाचार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर दिया1 और कोविड-19 हमले ने पूरी अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार कर फेंक दिया1 कभी देश का नंबर-वन राज्य खुशहाल हरियाणा को भाजपा ने आज बदहाल हरियाणा में बदल दिया1

वही विद्रोही ने कहा मंगलवार को हाईकोर्ट द्वारा गुजरात भाजपा सरकार के मंत्री भूपेंद्र चूड़ासमा का वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव भ्रष्ट आचरण के चलते रद्द करने से एक बार फिर साबित मोदी-भाजपा ने सत्ता के लिए चुनाव मतगणना में भी हेराफेरी करके अपने हारे हुए उम्मीदवार को सत्ता दुरुपयोग से न केवल विधानसभा चुनाव जितवाया अपितु संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग ने भी भाजपा के षड्यंत्र में बेशर्मी से साथ दिया1 चुनाव नियमों अनुसार ईवीएम मशीन की मतगणना से पहले पोस्टल बैल्टस की मतगणना करवाना अनिवार्य है1 फिर भी मोदी राज आने के बाद विगत 5 वर्षों में इस नियम को तोडक़र चुनाव आयोग हेराफेरी से भाजपा को लाभ पहुंचा रहा है, जो भारी चिंता का विषय है1

विद्रोही ने कहा जब संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग ही भाजपा की हेराफेरी, षडय़ंत्र में सम्मिलित हो जाए तो चुनाव, मतदान, जनादेश की पवित्रता लोकतंत्र में कैसे कायम रह पाएगी1


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