लॉकडाउन के तीसरे चरण यानी 17 मई के बाद हरियाणा में स्कूलों को खोला जा सकता है। प्रदेश सरकार इस बारे में गंभीरता से विचार कर रही है। बेशक, छोटी कक्षाओं वाले बच्चों को अभी स्कूलों में नहीं बुलाया जाए, लेकिन बड़ी कक्षाओं से इसकी शुरुआत हो सकती है। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर विभाग के अधिकारियों के अलावा विशेषज्ञों के साथ इस मुद्दे पर मंथन शुरू कर चुके हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि स्कूलों को कब से खोला जाएगा लेकिन सरकार इसकी तैयारी शुरू कर चुकी है। लॉकडाउन के तीसरे चरण में कई तरह की छूट मिली और इस चरण के पूरा होने के बाद परिवहन सेवाओं को भी शुरू करने की बात सामने आ रही है। माना जा रहा है कि अंदरखाने केंद्र की ओर से इस बारे में भी इनपुट होंगे, इसलिए सरकार ने यह तैयारियां शुरू की।

अगर किसी तरह की अड़चन नहीं आती है तो लॉकडाउन पार्ट-3 के बाद 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों से स्कूलों को शुरू किया जा सकता है। इसके लिए कई तरह के विकल्पों पर बात चल रही है। एक सुझाव यह भी है कि पंद्रह-पंद्रह बच्चों को ग्रुप में रोजाना स्कूल बुलाया जाए। मसलन अगर कक्षा में 30 विद्यार्थी हैं तो दो दिन में उन्हें पढ़ाया जाएगा। अगर यह संख्या 45 है तो पंद्रह-पंद्रह के तीन ग्रुप बनाकर उन्हें अलग-अलग दिन बुलाया जाएगा।

इसके बाद दूसरे चरण में 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों को बुलाया जाएगा। प्राथमिक कक्षाओं को सबसे आखिर में खोला जाएगा। फिर भी सरकार कोई भी कदम उठाने से पहले इस बारे में डॉक्टरों, मेडिकल विशेषज्ञों के अलावा शिक्षाविदों से राय लेगी। उनके सुझावों के बाद ही सरकार आगे कदम उठाएगी। सरकार सुनिश्चित करेगी कि इस तरीके से कक्षाएं शुरू करने से बच्चों पर कोई दूरगामी विपरीत असर न पड़े।

कोरोना से बचाव की पूरी होगी व्यवस्था

नियमित रूप से सेनेटाइजेशन की व्यवस्था होगी और बच्चों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। शिक्षा विभाग ने अब निजी स्कूलों में इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक स्टाफ को आने की मंजूरी दी है। सोमवार को पहली बार ज्यादातर निजी स्कूलों में प्रधानाचार्य के साथ गैर-शैक्षणिक स्टाफ पहुंचा। कक्षा में तीस बच्चे होने की स्थिति में 15 बच्चे पहले दिन और शेष 15 बच्चे दूसरे दिन आएंगे। इससे ज्यादा छात्र होने पर 15-16 बच्चों को पहले दिन, फिर इतने ही बच्चों को अगले दिन और बाकी सभी को उससे अगले दिन कक्षा में बुलाया जाएगा। यानी एक बच्चे का नंबर एक दिन छोड़कर या फिर दो दिन छोड़कर आएगा।

कम होगा सत्र

अगर पहली जून से कक्षाएं शुरू होती हैं तो शिक्षा सत्र में 43 दिन की कमी होती है। इसे 15 दिन के ग्रीष्मकालीन और 15 दिन के शरदकालीन अवकाश और 11 दूसरे शनिवार की छुट्टी को रद कर कवर किया जाएगा। पहली जुलाई से स्कूल खुलने पर उक्त छुट्टियां तो रद होंगी ही, हर दिन दो घंटे तक अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाएंगी। इससे 100 घंटे ज्यादा पढ़ाई कर सिलेबस को पूरा कराया जाएगा। अमूमन स्कूलों में कुल 234 दिन पढ़ाई होती है।

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