कर्मचारियों का वेतन देने के लिए सरकार ने लिए थे 5 हजार करोड़. अब फिर सरकार दो हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने की कर रही है तैयारी

चंडीगढ़: कोरोना ने आम जनता के साथ-साथ सरकारों के आर्थिक हालात भी बिगाड़ दिए हैं। इन दिनों हर राज्य की सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है। राजस्व की प्राप्ति न के बराबर हो रही है, खर्च लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते सरकारों को कर्ज लेना पड़ रहा है। हरियाणा सरकार ने महज एक महीने में तीसरी बार कर्ज लेने की तैयारी कर ली है। सूत्रों के हवाले से जानकारी है कि सरकार करीब 2 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले सकती है।

इससे पहले लॉकडाउन से अब तक 5 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है हरियाणा सरकार

हरियाणा सरकार लॉकडाउन से अब तक 5 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। कर्मचारियों का वेतन व अन्य खर्चों के लिए सरकार ने पहले 3 हजार करोड़ इसके बाद 2 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। हरियाणा सरकार को कई हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान भी हुआ है। लॉकडाउन के चलते शराब, रजिस्ट्री व जीएसटी से न के बराबर राजस्व मिला। इससे सरकार को र्च के पहले सप्ताह में तीन हजार करोड़ का नुकसान हुआ। अप्रैल माह के दौरान यह बढ़कर सात हजार करोड़ तक पहुंच चुका है।सभी तरह की लेटेस्ट विविध एवं शैक्षणिक खबरों के लिए “हरियाणा एजुकेशनल अपडेट” फेसबुक पेज ज्वाइन करें।

सर्वदलीय बैठक में भूपेंद्र हुड्डा कह चुके हैं कर्ज लेने की बात

हरियाणा के पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी सरकार को कर्ज लेने की सिफारिश कर चुके हैं। उन्होंने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि सरकार को गरीब व जरुरतमंदों को राहत देने के लिए कर्ज लेना चाहिए। उन्होंने कहा था कि कोरोना संकट से पहले और इस संकट के बाद में सरकार यदि कोई कर्ज लेगी तो उसका हिसाब हम जरुर मागेंगे लेकिन सरकार अब कर्ज लेती है तो हम इसका हिसाब नहीं मांगेंगे। वहीं हरियाणा सरकार द्वारा तेल के दामों में बढ़ोतरी, रोडवेज के किराये में बढ़ोतरी का हुड्डा ने विरोध किया था।

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