अशोक कुमार कौशिक

 नारनौल। अटेली सेल्टर होम मेें ठहरे मध्य प्रदेश के 432 प्रवासी मजदूर अपने गांव के लिए रवाना हुए। इन मजदूरों को 16 हरियाणा रोड़वेज बसों में बैठाकर नारनौल रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया गया। मजदूरों को उनके प्रदेश में पहुंचाने के लिए कई कर्मचारी लगे हुए है। नायब तहसीलदार रमेश कुमार, बीडीपीओ ओमप्रकाश, खंड शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र यादव, डीएसपी राज सिंह , एसईपीओ अनिल सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे। ग्राम सचिवों ने प्रवासी मजदूरों की सूचि तैयार कर उनको बस में बैठाया। खाद्य आपूर्ति विभाग ने भोजन व नगरपालिका ने उनके लिए बिस्लरी का पानी दिया। बीडीपीओ कार्यालय ने उनको मास्क वितरित किये। 9 जिलों के मजदूरों को आज भेजा गया है। बुधवार को मध्य प्रदेश के मजदूरों के साथ उतर प्रदेश के मजदूरों को भी भेजा जाएगा । खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ओमप्रकाश ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को उनके गांव  भेजा जा रहा है।  शेष को भी जल्द भेजने का काम किया जाएगा।

मध्य प्रदेश की माया के लिए यादगार रहेगा महेंद्रगढ़ जिला
माया बोली- 2 दिन के विश्वजीत को देखने की बाट जो रहे हैं दादा-दादी
शेल्टर होम में पैदा हुआ था बच्चा

हरियाणा वासियों की मेहमान नवाजी पूरे देश में प्रसिद्ध है। विश्वव्यापी लोक डाउन के कारण जिला में फंसे  मजदूर आज अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश के लिए रवाना होने से पहले इसी मेहमान नवाजी के कायल दिखे। सभी प्रवासियों ने यहां जिला प्रशासन व आम नागरिकों द्वारा उनके रहने व खाने-पीने की व्यवस्था की सराहना की।

दो दिन के अपने बेटे विश्वजीत को गोद में लिए छतरपुर जिले के बिकोरा गांव की माया के लिए तो ये पल बहुत ही यादगार रहेंगे। महेंद्रगढ़ के आरपीएस स्कूल में बनाए गए शेल्टर होम में 2 दिन पहले ही माया ने एक बच्चे को जन्म दिया था। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने उनके बच्चे के लिए सभी प्रकार की दवाइयां उपलब्ध कराई है तथा खाना भी उपलब्ध करवाया है। यहां के नागरिकों की सलाह पर ही उन्होंने इस बच्चे का नाम विश्वजीत रखा है। अब उनके दादा-दादी बच्चे का मुंह देखने के लिए बाट जो रहे हैं। हमारे लिए यह बहुत ही खुशी की बात है कि हम राज्य सरकार द्वारा किए गए इन प्रबंधों के कारण सुरक्षित अपने घर पहुंच पाएंगे। माया के पति बरदानी ने बताया कि वे जिले के गांव पायगा में मिस्त्री का काम करते थे। लोक डाउन के कारण बंद काम बंद हो गया। सरकार ने मुफ्त में रेल टिकट देकर घर भेजने का प्रबंध किया है जिससे वह बहुत अधिक खुश है।

हरद्रा हाथी घाट मध्य प्रदेश के धन सिंह ने बताया कि वह महेंद्रगढ़ जिले के खेड़ी तलवाना गांव में फसल की कटाई के लिए आया हुआ था। फसल कटाई के बाद लोक डाउन के कारण वह वहीं पर फंस गया। गांव के सरपंच ने रहने व खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था की। आज जिला प्रशासन द्वारा हमें अपने घर भेजने की व्यवस्था की है इससे हम बहुत खुश हैं।

मध्य प्रदेश के पैरा गांव के बृजेंद्र ने बताया कि वह महेंद्रगढ़ जिले के धनोंदा गांव में मिस्त्री का काम करता था। लोक डाउन के कारण काम बंद हो गया। आज वह अपने घर जा रहा है। इस विशेष ट्रेन में उनको भी राज्य सरकार द्वारा मुफ्त में टिकट व पानी तथा खाने आदि की व्यवस्था की है। इससे हम बहुत खुश हैं।ग्वालियर के छोटू ने बताया कि वह महेंद्रगढ़ जिला के गांव कनीना में चाट की रेहड़ी लगाता था। लोक डाउन खत्म होने के बाद वह दोबारा वहीं पर अपनी रेहड़ी लगाएगा।

लोक डाउन से जिला में फंसे बच्चों सहित 1628 यात्रियों को लेकर श्रमिक स्पेशल रवाना

12 घंटे में पहुंचेगी छतरपुर (मध्य प्रदेश)

कोविड-19 महामारी के कारण 24 मार्च से लगे देशव्यापी लोक डाउन से जिला में फंसे 1628 यात्रियों को लेकर आज नारनौल रेलवे स्टेशन से पहली श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ी रवाना हुई। इनमें 188 बच्चे शामिल हैं। ये नाॅन स्टोप रेलगाड़ी 12 घंटे में सीधे छतरपुर (मध्य प्रदेश) पहुंचेगी। 
गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार यहां रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ी में चढ़ने से पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी यात्रियों का चिकित्सीय परीक्षण किया। जिला प्रशासन द्वारा मुफ्त रेल टिकट के अलावा सभी यात्रियों को खाने के पैकेट पानी की बोतल सैनिटाइजर व मास्क उपलब्ध करवाए गए। 

सामाजिक दूरी का ख्याल रखने के वास्ते जिला प्रशासन के अधिकारियों ने सुबह से ही इसकी तैयारियां शुरू कर दी थी। रेलवे स्टेशन के बाहर तथा प्लेटफार्म पर विशेष चिन्ह लगाए गए थे ताकि एक दूसरे यात्री से कम से कम 6 फीट की दूरी रहे। सभी 24 कोच को रेलवे स्टेशन पर  सैनिटाइज किया गया।

विभिन्न शेल्टर होम में ठहरे इन सभी यात्रियों को रोडवेज की बसों में बैठाकर रेलवे स्टेशन पर पहुंचाया गया जहां पर पहले उन्हें मुफ्त टिकट दिया गया। इसके बाद स्टेशन पर ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक-एक करके सभी का चिकित्सीय परीक्षण किया। सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की ओर से लगाए गए पी ए सिस्टम के माध्यम से लगातार सभी यात्रियों को सामाजिक दूरी बनाए रखने तथा कोरोनावायरस से बचाव के संबंध में जानकारी दी जा रही थी।

इस मौके पर पुलिस अधीक्षक सुलोचना गजराज अतिरिक्त उपायुक्त डॉ मुनीष नागपाल एसडीएम नारनौल मनीष कुमार स्टेशन अधीक्षक मुनेश भार्गव के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।

मोदी-मनोहर जिंदाबाद के नारे

लगभग 51 दिन बाद नारनौल रेलवे स्टेशन पर किसी यात्री ट्रेन की सीटी सुनाई दी। सरकार द्वारा लोक डाउन में यहां फंसे हुए यात्रियों को उनके गृह राज्य में भेजने के प्रबंध को लेकर प्रवासी खुश नजर आए। आज जब यह रेलगाड़ी नारनौल स्टेशन से रवाना हुई तो मोदी-मनोहर जिंदाबाद के नारे लगने लगे।

रेलवे स्टेशन पर भी आज महौल बदला-बदला नजर आया। सफाई व्यवस्था को लेकर कर्मचारी ज्यादा ही सतर्क दिखाई दे रहे थे। पिछले कई दिनों से डिस्प्ले बोर्ड पर जमा धूल गायब थी। हर डिस्प्ले बोर्ड चमक रहा था। रेलवे स्टेशन का नाम आते ही भीड़ व धक्का मुक्की का सीन आंखो के सामने आता है लेकिन आज बेहद अनुशासन दिखाई दे रहा था। 

जिला प्रशासन द्वारा यात्रियों को शेल्टर होम से लेकर रेल कोच में बैठने तक इतने अच्छे इंतजाम किए गए थे कि किसी विदेशी रेलवे स्टेशन का चित्र आंखों के सामने आ रहा था।

रेलवे स्टेशन पर पार्किंग से लेकर प्लेटफार्म तक सबकुछ चकाचक था। बाथरूम की बारीकी से बार-बार सफाई हो रही थी। हर जगह को सेनीटाइज किया जा रहा था। आने वाले हर यात्री को सफाई रखने की हिदायत दी जा रही थी। प्लेटफार्म पर सीटों को बार-बार धोया जा रहा था। पटरियां भी पूरी तरह गंदगी मुक्त थी। रेल कोच को कई बार सेनीटाइज किया गया। इन सभी इंतजाम से सभी प्रवासी उत्साहित थे।

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