अनुसूचित जाति के युवक ने रात्रि पहरेदारों पर सिर फोड़ने व मारपीट करने का लगाया आरोप अशोक कुमार कौशिक नारनौल। सोमवार रात्रि 1 बजे के लगभग एक अनुसूचित जाति का युवक सीहमा में पहुंचा तो रात्रि ठीकरी पहरा दे रहे ग्रामीणों ने उसे संदिग्ध समझकर पकड़ लिया। पहरेदारों को पूछताछ में युवक ने अपना नाम नरेश व जींद के नरवाना का रहने वाला बताया। पहरेदारों ने इसकी सूचना गांव के सरपंच हरनाम सिंह व पुलिस को दी। सरपंच ने बताया कि युवक के परिजन पूर्व में सीहमा में ही रहते थे और अब भी उनके सगे संबंधी गांव में रहते है लेकिन कोरोना महामारी के भय से उसे घर में प्रवेश नही देना चाहते थे। युवक नरेश ने लोगों को बताया कि वह 9 मई को जींद के नरवाना से चला था। उसके बीवी बच्चे अपने मायके गोरखपुर गये हुए है वह रात्रि सीहमा रुककर सुबह गोरखपुर ही जाना चाहता था। सरपंच को पीड़ित युवक नरेश नरवाना ने बताया कि रात्रि सीहमा में ठीकरी पहरा दे रहे कुछ लोगों ने उसे डंडों से बुरी तरह पीटा और उसका सिर फोड़ दिया। सुबह स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस की गाड़ी नारनौल से गांव सीहमा पहुंची और युवक नरेश को उपचार के लिए नारनौल ले गई। चिकित्सकों ने उसके सिर में लगी चोट पर टाके लगाये और दवा दी। क्या कहना है सरपंच हरनाम सिंह का पूरे मामले को लेकर -सरपंच ने कहा कि कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को भी नही है। बिना ठीकरी पहरे की ड्यूटी के गांव का एक युवक मारपीट में शामिल रहा है। ठीकरी पहरेदार किसी संदिग्ध से पूछताछ तो कर सकते है लेकिन मारपीट नही। पीड़ित अनुसूचित जाति के युवक नरेश ने पुलिस में शिकायत दी तो आरोपियों की बहुत दिन तक जमानत भी नही होगी। -क्या कहना है फैजाबाद पुलिस चौकी इंचार्ज का -एएसआई कुलदीप सिंह ने बताया कि रात्रि ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नही है। आरोपियों के खिलाफ कोई लिखित शिकायत मिली तो तुरंत जांच करके मुकदमा दर्ज किया जाएगा। Post navigation किसान ने आढ़ती पर लगाया निर्धारित से अधिक कटौती और पल्लेदार लेने का आरोप दिल्ली पुलिस के जवान को छह दिन से घर में रखा, नही दी प्रशासन को जानकारी