हुड्डा पिता–पुत्र की रणनीति से सफल हुई कांग्रेस की दिल्ली रैली

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हरियाणा से सबसे बड़ी भागीदारी, ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर दिखा जनआक्रोश

नई दिल्ली। कांग्रेस द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ रैली को सफल बनाने में हरियाणा की भूमिका सबसे अहम रही। खासतौर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की सक्रिय रणनीति ने रैली में भारी भीड़ जुटाने में निर्णायक योगदान दिया।

कांग्रेस नेतृत्व ने देशभर, विशेषकर उत्तर भारत के नेताओं को रैली के लिए जनसमर्थन जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन दिल्ली से निकटता के चलते मुख्य दायित्व हरियाणा इकाई पर रहा। प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह के साथ भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा ने अलग-अलग जिलों में बैठकें कर नेताओं व कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपीं। वहीं दीपेंद्र हुड्डा ने रैली तक आमजन को लाने के लिए परिवहन और अन्य व्यवस्थाओं की कमान संभाली।

इसी का परिणाम रहा कि हर बार की तरह इस बार भी रामलीला मैदान में सबसे बड़ी भागीदारी हरियाणा से देखने को मिली। रैली में जोश भरने से लेकर मैदान को विशाल जनसमूह से भरने तक हरियाणा कांग्रेस की भूमिका सबसे प्रभावशाली रही। इसे देखते हुए पार्टी हाईकमान ने मंच से हरियाणा इकाई और विशेष रूप से भूपेंद्र सिंह हुड्डा की खुले तौर पर सराहना की, जिसका कई नेताओं ने अपने संबोधन में उल्लेख भी किया।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रैली के बाद संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि जनता में ‘वोट चोरी’ को लेकर गहरी जागरूकता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में लोगों ने खुद महसूस किया है कि वोटों की हेराफेरी के जरिए पूरी सरकार ही “चोरी” कर ली गई, इसलिए रैली में हरियाणा से आए लोगों में सबसे ज्यादा रोष और उत्साह देखने को मिला।

रैली में हरियाणा की भारी उपस्थिति ने स्पष्ट संदेश दिया कि ‘वोट चोरी’ का मुद्दा प्रदेश की जनता के बीच गंभीर चिंता और आक्रोश का विषय बन चुका है। राजनीतिक संकेतों के मुताबिक, राहुल गांधी द्वारा उठाया गया यह मुद्दा आने वाले समय में हरियाणा में और अधिक मजबूती से उभर सकता है।

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Author: Bharat Sarathi

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